देश के 10 IIT कॉलेजों में 15 नये कोर्स की शुरूआत, 363 सीटों पर होगा इसी सत्र से नामांकन

जेइइ एडवांस में इस साल 40715 विद्यार्थियों ने सफलता पायी है. विद्यार्थियों की रुचि कोर ब्रांच में अधिक देखी जा रही है. बढ़ती मांग और तकनीकी बदलाव को देखते हुए देश के 10 आइआइटी कॉलेजों में 15 नये कोर्स शुरू हुए हैं.

By Sameer Oraon | February 7, 2024 12:13 PM

रांची : जेइइ एडवांस में इस वर्ष 40715 विद्यार्थी सफल हुए हैं. जबकि, 23 आइआइटी में सिर्फ 16598 सीटों पर विद्यार्थियों को नामांकन मिलेगा. बीते वर्ष की तरह इस बार भी जोसा काउंसेलिंग की च्वाइस फिलिंग में विद्यार्थियों की रुचि कोर ब्रांच में देखी जा रही है. वहीं, समय की मांग, तकनीकी बदलाव और सामाजिक जरूरत को देखते हुए देश के 10 आइआइटी कॉलेजों में 15 नये कोर्स में कुल 363 सीटों पर इसी सत्र से नामांकन लिया जायेगा.

बताया गया कि नये कोर्स का लाभ उन विद्यार्थियों को मिलेगा, जो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में रुचि रखते हैं. तकनीकी मांग को देखते हुए नये कोर्स के पाठ्यक्रम तैयार किये गये हैं. विद्यार्थी इन विषयों की पढ़ाई कर इसमें बेहतर संभावनाएं तलाश सकेंगे. वहीं, टॉप आइआइटी संस्थानों में अब भी कोर ब्रांच कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग, मैकेनिकल, सिविल, इलेक्ट्रिकल, एयरोस्पेस, केमिकल, मेटलर्जिकल और इंजीनियरिंग फिजिक्स की मांग बनी हुई है.

इन कॉलेजों में नये कोर्स 

कॉलेज नये कोर्स सीटों

आइआइटी बॉम्बे एनर्जी इंजीनियरिंग 47

आइआइटी रुड़की डाटा साइंस एंड आर्टिफिशियल इंजीनियरिंग 40

आइआइटी गुवाहाटी एनर्जी इंजीनियरिंग 20

आइआइटी हैदराबाद इलेक्ट्रिकल विद आइसी डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी 16

आइआइटी गांधीनगर कंप्यूटर साइंस एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग 20

आइआइटी जोधपुर फिजिक्स विद स्पेशलाइजेशन एंड केमेस्ट्री 32

आइआइटी रोपड़ इंजीनियरिंग फिजिक्स 25

आइआइटी धरवाड़ केमिकल एंड बायोकेमिकल इंजीनियरिंग 15

आइआइटी धरवाड़ मैथेमेटिक्स एंड कंप्यूटिंग 28

आइआइटी धरवाड़ सिविल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग 15

आइआइटी धरवाड़ इंटरडिसिप्लिनरी साइंसेस 57

आइआइटी भिलाई मेकट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग 20

आइआइटी पालक्कड डाटा साइंस एंड इंजीनियरिंग 28

नये कोर्स को जानें 

एनर्जी इंजीनियरिंग : बायोफ्यूल की लगातार घटती क्वांटिटी और देश में एनर्जी की बढ़ती मांग को देखते हुए एनर्जी प्रोडक्शन पर बल दिया जा रहा है. एमटेक कोर्स को अब ग्रेजुएशन स्तर पर शुरू किया गया है. ताकि, विद्यार्थी एनर्जी के रिन्यूएबल सोर्स और नॉन ट्रेडिशनल सोर्सेज पर शुरुआत से काम कर सकें.

मेकट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग : कोर्स को इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम को मिला कर नये रूप में तैयार किया गया है. इसमें रोबोटिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर और कई अन्य तकनीकी विषयों को शामिल किया गया है. विद्यार्थी विद्युत व सॉफ्टवेयर कंपोनेंट्स को इकट्ठा कर सिस्टम की क्षमता बढ़ा सकेंगे.

इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विद आइसी डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी : इस कोर्स से जुड़ कर विद्यार्थी इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के एडवांस वर्जन को समझ सकेंगे. इससे आगे चल कर विद्यार्थी सेमी कंडक्टर, इंटीग्रेटेड सर्किट (आइसी) डिजाइन और तकनीक पर गहन अध्ययन के साथ काम कर सकेंगे.

सिविल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग : बीटेक कोर्स के तहत विद्यार्थी सिविल इंजीनियरिंग के मूल सिद्धांत की पढ़ाई करेंगे. साथ ही सड़क, पुल, नहर, बांध और इमारतों के निर्माण के लिए जरूरी भौतिक व प्राकृतिक डिजाइन पर काम कर सकेंगे. इससे निर्माण कार्य और रखरखाव को बढ़ावा मिलेगा.

रिपोर्ट- अभिषेक रॉय

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