Vande Bharat Train Bihar to Jharkhand : ‘वंदे भारत’ ट्रेन एक ऐसी ट्रेन है जिसके बारे में लोग ज्यादा से ज्यादा जानकारी एकत्रित करना चाहते हैं. इस बीच इस लोकप्रिय ट्रेन को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बड़ी खबर साझा की है. जी हां..उन्होंने कहा है कि अगले साल फरवरी-मार्च तक वंदे भारत ट्रेन के तीन प्रारूप- वंदे चेयर कार, वंदे मेट्रो और वंदे शयनयान होंगे. शताब्दी, राजधानी और लोकल ट्रेन की जगह लेने की तैयारी कर रही ये स्वदेशी ‘सेमी-हाई स्पीड’ ट्रेन चेन्नई के कोच निर्माण कारखाने में बनायी जा रही हैं.
उन्होंने कहा कि जून के मध्य तक हर राज्य को वंदे भारत ट्रेन मिल जाएगी. इसका मतलब है कि बिहार और झारखंड को भी वंदे भारत ट्रेन इस दौरान मिल जाएगा. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने न्यूज एजेंसी ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक इंटरव्यू में उक्त बातें कही. उन्होंने कहा कि वंदे भारत ट्रेनों की अधिकतम गति 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के लिए अगले तीन से चार साल में रेल पटरियों को उन्नत बनाया जायेगा. आपको बता दें कि उत्तराखंड के देहरादून से दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल रेलवे स्टेशन तक वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत हो चुकी है.
सौ किलोमीटर से कम की यात्रा के लिए वंदे मेट्रो
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि वंदे भारत के तीन प्रारूप हैं. सौ किलोमीटर से कम की यात्रा के लिए वंदे मेट्रो, 100-550 किलोमीटर के लिए वंदे चेयर कार और 550 किलोमीटर से अधिक की यात्रा के लिए वंदे स्लीपर. ये तीनों प्रारूप फरवरी-मार्च (अगले साल) तक तैयार हो जायेंगे. उल्लेखनीय है कि दिल्ली-देहरादून वंदे भारत एक्सप्रेस को प्रधानमंत्री मोदी ने हरी झंडी दिखायी. उत्तराखंड के लिए इस तरह की पहली रेलगाड़ी राज्य की राजधानी और राष्ट्रीय राजधानी के बीच यात्रा के समय को देहरादून-नई दिल्ली रेलवे स्टेशन शताब्दी एक्सप्रेस में लगने वाले छह घंटे और 10 मिनट से घटाकर साढ़े चार घंटे कर देती है.
जून के मध्य तक हर राज्य को मिलेगी वंदे भारत ट्रेन
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जून के मध्य तक हर राज्य को वंदे भारत ट्रेन मिल जाएगी. उन्होंने कहा कि इन ट्रेनों के निर्माण में तेजी लायी जा रही है. उन्होंने कहा कि हर आठवें या नौवें दिन कारखाने से एक नई ट्रेन निकल रही है. दो और कारखानों में काम शुरू होने जा रहा है. इन कारखानों की आपूर्ति श्रृंखला स्थिर होने के बाद हमारे पास एक नई ट्रेन आएगी. वंदे भारत रेलगाड़ियों को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति के साथ तैयार किया गया है, लेकिन वे पटरी की क्षमता के अनुसार 130 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति से चलेंगी.
रेल संपर्क परियोजनाओं पर तेजी से काम
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पुरानी पटरियों को 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच की गति का समर्थन करने के लिए तैयार किया गया था. लगभग 25,000-35,000 किलोमीटर पटरियों को 110 किलोमीटर प्रति घंटे, 130 किलोमीटर प्रति घंटे और 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के समर्थन के लिए उन्नत किया जा रहा है. यह काम अगले तीन से चार साल में हो जायेगा. मंत्री ने कहा कि रेलवे सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए रेल संपर्क परियोजनाओं पर तेजी से काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि रेल यात्रियों को 4जी-5जी सेवाएं मुहैया कराने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं.
वैष्णव ने कहा कि रेलवे द्वारा तेजी से 4जी-5जी टावर लगाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर उन्हें स्थापित किया गया है और यह काम लगातार जारी है.
भाषा इनपुट के साथ