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अर्थव्यवस्था को Coronavirus के गंभीर प्रभाव से उबारने के लिए दुनियाभर के सरकारों का प्रयास तेज

दुनियाभर की सरकारें और केंद्रीय बैंक इन दिनों अपनी-अपनी अर्थव्यवस्थाओं को कोरोना वायरस के गंभीर प्रभाव से बचाने के लिए अपनी नीतियों में बदलाव कर रहे हैं और बड़े पैमाने पर पैकेज की घोषणा कर रहे हैं.

लंदन : दुनियाभर की सरकारें और केंद्रीय बैंक इन दिनों अपनी-अपनी अर्थव्यवस्थाओं को कोरोना वायरस के गंभीर प्रभाव से बचाने के लिए अपनी नीतियों में बदलाव कर रहे हैं और बड़े पैमाने पर पैकेज की घोषणा कर रहे हैं. दुनियाभर के केंद्रीय बैंक अपनी अर्थव्यवस्थाओं को बचाने के लिए नयी मुद्राओं का प्रकाशन, भारी व्यय करना, बड़े पैमाने पर ऋण की गारंटी देना, कर रियायत देने और कर्मचारियों-कामगारों को सीधे भुगतान करने जैसे कई कदम उठाये जा रहे हैं.

एएफपी ने इस संबंध में दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में कोविड-19 के मद्देनजर उठाये जा रहे कदमों का सर्वेक्षण किया. कोविड-19 चीन के वुहान से शुरू होकर पूरी दुनिया में फैल चुका है. इससे दुनिया में मंदी गहराने का खतरा पैदा हो गया. दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका में सीनेट नेताओं और व्हाइट हाउस के बीच बुधवार को अर्थव्यवस्था को 2,000 अरब डॉलर का प्रोत्साहन पैकेज दिये जाने के प्रावधान वाले विधेयक पर सहमति बन गयी. सीनेट के नेताओं के बीच इस संबंध में उभरे मतभेदों को दूर कर लिया गया और उनके बीच देश में युद्धकालीन निवेश को लेकर इस पैकेज पर सहमति बन गयी. रिपब्लकिन सीनेट बहुमत के नेता मिच मक्कोन्नेल ने यह बात बतायी.

हालांकि, अमेरिका की संसद में सीनेट और प्रतिनिधि सदन में इस विधेयक को अभी पारित होना बाकी है. उसके बाद ही इसे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जायेगा. इस पैकेज के जरिये अमेरिकियों के हाथ में सीधे नकदी पहुंचायी जायेगी, छोटे कारोबारियों को अनुदान मिलेगा और बड़ी कंपनियों को अरबों डॉलर का कर्ज उपलब्ध कराया जायेगा. इसके साथ ही, बेरोजगार लाभों का भी विस्तार किया जायेगा.

सरकार के अलावा, अमेरिका के फेडरल रिजर्व की तरफ से 4 हजार अरब डॉलर की लिक्विडिटी अर्थव्यवस्था में डाली जायेगी. फेडरल रिजर्व ने डॉलर प्रवाह जारी रखने के साथ ही अपनी प्रमुख कर्ज की दर को शून्य के करीब ला दिया है. दुनिया में कुछ विशलेषकों ने जी7 और जी20 की तरफ से सामूहिक प्रतिक्रिया की मांग की जा रही है.

विश्लेषकों का कहना है कि इन देशों को गरीब राष्ट्रों की मदद के लिए आगे आना चाहिए. ये देश अपने धनी समकक्ष देशों के बराबर कर्ज उपलब्ध कराने की क्षमता की बराबरी नहीं कर सकता है. सऊदी अरब ने कहा है कि वह जी20 समूह की एक वीडियो कन्फ्रेंसिंग के आयोजन की बात कही है. सऊदी अरब इस समय जी20 का अध्यक्ष है. उसने कहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग गुरुवार को इस शिखर सम्मेलन में भाग ले सकते हैं.

जी7 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक प्रमुखों ने मंगलवार को कहा कि वह एक ‘व्यापक और अनुपूरक पैकेज’ पर काम कर रहे हैं. उन्होंने अपनी इस वचनबद्धता को दोहराया कि वह रोजगार और अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए जो भी जरूरी होगा, वह सब करेंगे. जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस ने भी अपने अपने स्तर पर अर्थव्यवस्थाको बचाने के लिए कदम उठाने शुरू किये हैं.

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