नई दिल्ली : प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कामगारों के लिए खुशखबरी है. वह यह कि प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के समय अवकाश के एवज में मिलने वाली नकद रकम पर 25 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा. केंद्र सरकार ने सेवानिवृत्ति के समय अवकाश के बदले मिलने वाली नकदी पर टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया है. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, बीते 1 फरवरी 2023 को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पेश किए सालाना बजट में की गई घोषणा के अनुरूप वित्त मंत्रालय ने प्राइवेट सेक्टर के वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति पर मिलने वाली अवकाश के एवज में नकद राशि पर कर छूट सीमा को बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया है.
फिलहाल तीन लाख पर ही टैक्स से मिलती है छूट
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अभी तक गैर-सरकारी (प्राइवेट सेक्टर) कर्मचारियों को अवकाश नकदीकरण (लीव इनकैशमेंट) यानी छुट्टियों के एवज में मिलने वाली नकद राशि पर कर छूट की सीमा 3,00,000 रुपये ही थी. यह सीमा वर्ष 2002 में तय की गई थी, जब सरकारी क्षेत्र में उच्चतम मूल वेतन 30,000 रुपये प्रति माह ही हुआ करता था.
एक अप्रैल 2023 से लागू
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की ओर से गुरुवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि आयकर अधिनियम की धारा 10(10एए)(2) के तहत कर छूट की कुल सीमा 25 लाख रुपये से अधिक नहीं होगी. यह धारा गैर-सरकारी कर्मचारियों को नियोक्ता से मिलने वाले भुगतान से संबंधित है. सीबीडीटी ने कहा कि गैर-सरकारी कर्मचारियों को अवकाश नकदीकरण के एवज में मिलने वाली अधिकतम 25 लाख रुपये की राशि पर कर छूट की व्यवस्था एक अप्रैल, 2023 से लागू होगी. इस बारे में घोषणा वित्त वर्ष 2023-24 के बजट प्रस्ताव में की गई थी.
निर्मला सीतारमण ने बजट में ही कर दी थी घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि गैर-सरकारी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए अवकाश नकदीकरण के रूप में मिलने वाली राशि पर कर छूट की सीमा को तीन लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये किया जाएगा. बजट में की गई घोषणा के अनुरूप वित्त मंत्रालय ने प्राइवेट सेक्टर के वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति पर मिलने वाली अवकाश के एवज में नकद राशि पर कर छूट सीमा को बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया है.