Loan Moratorium पर 13 अक्टूबर को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, सभी पक्षों को हलफनामा जारी करने का दिया आदेश

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को लॉकडाउन के दौरान आरबीआई की ओर से कर्जदारों को दी गयी ऋण अधिस्थगन (Loan Moratorium) पर बैंकों द्वारा ब्याज पर ब्याज वसूलने के मामले को लेकर सुनवाई की गई. सुनवाई के दौरान अदालत ने सभी पक्षों को आगामी 12 अक्टूबर तक हलफनामा जारी करने का आदेश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को की जाएगी.

By KumarVishwat Sen | October 5, 2020 3:59 PM

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को लॉकडाउन के दौरान आरबीआई की ओर से कर्जदारों को दी गयी ऋण अधिस्थगन (Loan Moratorium) पर बैंकों द्वारा ब्याज पर ब्याज वसूलने के मामले को लेकर सुनवाई की गई. सुनवाई के दौरान अदालत ने सभी पक्षों को आगामी 12 अक्टूबर तक हलफनामा जारी करने का आदेश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को की जाएगी.

इसके साथ ही, अदालत ने केंद्र सरकार और आरबीआई (RBI) को आदेश दिया गया है कि क्रेडाई (CREDAI) ने जिन मुद्दों पर चिंता जताई है, उसका जवाब दिया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार ने एक हलफनामा जारी किया है. साथ ही, उसने आरबीआई को अपने फैसले लागू करने का निर्देश दिया है. कामत समिति की सिफारिशों को हमारे सामने पेश नहीं किया गया है. आरबीआई उन सिफारिशों को सार्वजनिक करें, जिन्हें मान लिया गया है.

पिछली सुनवाई में सरकार ने मांगा था समय

केंद्र ने पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट से समय मांगा था. केंद्र ने पिछली सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट के सामने कोरोना महामारी के मद्देनजर लोन की किस्त टालने की अवधि के दौरान बैंकों द्वारा ब्याज वसूलने पर दो से तीन दिन में फैसला होने की संभावना जताई थी. अदालत ने टाली गई किस्तों पर ब्याज लेने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र से निर्णय को रिकॉर्ड में लाने और संबंधित पक्षकारों को हलफनामा देने को कहा था.

पहले ही ब्याज पर ब्याज माफ करने के पक्ष में थी सरकार

केंद्र सरकार ने 3 सितंबर की सुनवाई के दौरान ही सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह मोराटोरियम अवधि (मार्च से अगस्त तक) के दौरान ब्याज पर ब्याज को माफ करने के लिए तैयार हो गई है. ये राहत दो करोड़ रुपये तक के लोन पर मिल सकती है. इस ब्याज पर ब्याज माफी में एमएसएमई, शिक्षा, हाउसिंग, कंज्यूमर ड्यूरेबल, ऑटो, क्रेडिट कार्ड बकाया, कारोबार और उपभोग के लिए लिये गए कर्ज शामिल होंगे.

केंद्र सरकार को ठोस योजना पेश करने का दिया गया था आदेश

पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने लोन मोराटोरियम अवधि के दौरान लोन के ब्याज पर ब्याज लेने के खिलाफ दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई 5 अक्टूबर यानी आज के लिए स्थगित की थी. पिछली सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील राजीव दत्ता ने कहा था कि केंद्र सरकार इस मामले में कोई ठोस फैसला नहीं ले पाई है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को विभिन्न क्षेत्रों के लिए कुछ ठोस योजना पेश करने को कहा था.

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Posted By : Vishwat Sen

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