S&P Rating Upgrade: एसबीआई, एचडीएफसी और टाटा कैपिटल समेत 10 बड़े संस्थानों की रेटिंग बढ़ी

S&P Rating Upgrade: वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग बढ़ाने के बाद एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, टाटा कैपिटल, आईसीआईसीआई, एक्सिस, कोटक महिंद्रा, यूनियन बैंक, इंडियन बैंक, बजाज फाइनेंस और एलएंडटी फाइनेंस समेत 10 बड़े वित्तीय संस्थानों की रेटिंग अपग्रेड कर दी है. एजेंसी ने कहा कि भारत के बैंक मजबूत आर्थिक वृद्धि, बेहतर संपत्ति गुणवत्ता, लाभप्रदता और आईबीसी सुधारों से लाभान्वित होंगे, जिससे अगले 12-24 महीनों में स्थिरता बनी रहेगी और बैंकिंग सिस्टम में क्रेडिट जोखिम कम होगा.

By KumarVishwat Sen | August 15, 2025 9:37 PM

S&P Rating Upgrade: वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने शुक्रवार को भारत के शीर्ष 10 वित्तीय संस्थानों की दीर्घकालिक क्रेडिट रेटिंग बढ़ा दी. इनमें भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), एचडीएफसी बैंक, टाटा कैपिटल सहित देश के सात प्रमुख बैंक और तीन बड़ी वित्तीय कंपनियां शामिल हैं. यह कदम भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग में सुधार के एक दिन बाद उठाया गया है, जिससे निवेशकों का भरोसा और मजबूत हुआ है.

रेटिंग सुधार का मुख्य कारण

एसएंडपी ने अपने बयान में कहा कि भारत के वित्तीय संस्थान देश की मजबूत आर्थिक वृद्धि, घरेलू बाजार पर फोकस और संरचनात्मक सुधारों का लाभ उठाते रहेंगे. एजेंसी ने इस सुधार के पीछे भारत की स्थिर बैंकिंग प्रणाली, संपत्ति की बेहतर गुणवत्ता और मजबूत लाभप्रदता को अहम कारण बताया.

किन-किन बैंकों और कंपनियों की रेटिंग बढ़ी

एसएंडपी ने जिन 10 वित्तीय संस्थानों की रेटिंग अपग्रेड की है, उनमें सात बैंक और तीन वित्तीय संस्थान शामिल हैं.

सात बैंक

  • भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई)
  • आईसीआईसीआई बैंक
  • एचडीएफसी बैंक
  • एक्सिस बैंक लिमिटेड
  • कोटक महिंद्रा बैंक
  • यूनियन बैंक ऑफ इंडिया
  • इंडियन बैंक

तीन वित्तीय संस्थान

  • बजाज फाइनेंस
  • टाटा कैपिटल
  • एलएंडटी फाइनेंस

भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग में ऐतिहासिक सुधार

एसएंडपी का यह कदम भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को 18 साल बाद अपग्रेड किए जाने के तुरंत बाद आया है. गुरुवार को एजेंसी ने भारत की रेटिंग बढ़ाकर ‘बीबीबी’ कर दी थी. यह संकेत देता है कि आने वाले वर्षों में भारत की आर्थिक बुनियाद और विकास दर मजबूत बनी रहेगी.

एसएंडपी का क्या है अनुमान

एसएंडपी का अनुमान है कि भारत के बैंक अगले 12 से 24 महीनों में संपत्ति की गुणवत्ता, लाभप्रदता और पूंजीकरण बनाए रखेंगे, भले ही कुछ क्षेत्रों में आर्थिक दबाव बना रहे. एजेंसी के अनुसार, भारत के बैंकिंग सिस्टम में क्रेडिट जोखिम कम हुआ है, जिससे ऋण वितरण और निवेश गतिविधियों में तेजी आ सकती है.

आईबीसी कानून का सकारात्मक असर

एसएंडपी ने दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) की सराहना करते हुए कहा कि इसने भारत में भुगतान संस्कृति और कानून के शासन को मजबूत किया है. इसके परिणामस्वरूप ऋण वसूली की प्रक्रिया तेज और पारदर्शी हुई है, जिससे वित्तीय संस्थानों की स्थिरता में सुधार हुआ है.

सरकार की भूमिका और प्रभाव

एजेंसी ने यह भी स्पष्ट किया कि कई वित्तीय संस्थानों की रेटिंग भारत सरकार की क्रेडिट रेटिंग तक सीमित है, क्योंकि सरकार का बैंकिंग प्रणाली पर सीधा और अप्रत्यक्ष प्रभाव रहता है. इससे यह सुनिश्चित होता है कि बैंकिंग सेक्टर में भरोसा और स्थिरता बनी रहे.

इसे भी पढ़ें: आपके खाते में नहीं आए PM Kisan के पैसे तो ना लें टेंशन, बस घर बैठे कर दे ये काम

निवेशकों के लिए संदेश

रेटिंग में यह सुधार अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए संकेत है कि भारत का बैंकिंग सेक्टर अधिक सुरक्षित और लाभकारी हो रहा है. यह न केवल विदेशी पूंजी आकर्षित करेगा, बल्कि घरेलू निवेशकों के विश्वास को भी बढ़ाएगा. एसएंडपी का यह निर्णय भारत की आर्थिक और वित्तीय मजबूती का प्रमाण है. 18 साल बाद सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग में सुधार और उसके तुरंत बाद शीर्ष वित्तीय संस्थानों की रेटिंग अपग्रेड होना, यह दर्शाता है कि आने वाले वर्षों में भारत का वित्तीय तंत्र और बैंकिंग सेक्टर और अधिक मजबूत और निवेशकों के लिए आकर्षक बनेगा.

इसे भी पढ़ें: अक्टूबर में होगी भारत-आसियान व्यापार समझौते की समीक्षा बैठक, 10वें दौर की वार्ता संपन्न

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.