नई दिल्ली : भारत में ताश के पत्तों से खेला जाने जुआ या फिर ऑनलाइन गेम 'सट्टा-मटका' गैर-कानूनी होने के बावजूद धड़ल्ले से खेला जा रहा है. ऑनलाइन सट्टा किंग या सट्टा मटका गेम भारत के मजदूर वर्ग के बीच काफी लोकप्रिय है. मजदूर वर्ग के लोगों के बीच सट्टा किंग या सट्टा मटका गेम को अक्सर लॉटरी समझ लिया जाता है. भारत के कई राज्य अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, केरल, महाराष्ट्र, मेघालय, पंजाब, सिक्किम में लॉटरी खेलना वैध है. ऐसी लॉटरी के लाइसेंस देने, ऐसी गतिविधियां संचालित करने और उन पर मिलने वाली पुरस्कार राशि पर टैक्स लगाने आदि को लेकर राज्य सरकारों की ओर से बहुत सख्त नियम बनाए गए हैं.
1867 से ही भारत में जुए पर लगा है प्रतिबंध
भारत में ऑनलाइन खेले जाने वाले सट्टा किंग या सट्टा मटका गेम को सट्टेबाजी या जुए के तौर पर देखा जाता है और जुआ भारत में अवैध है. जब से ब्रिटिश सरकार ने 1867 में सार्वजनिक जुआ अधिनियम पेश किया, तब से भारत में जुआ पर प्रतिबंध लगा हुआ है. इसका मतलब है कि भारत में जुए को कोई कानूनी समर्थन प्राप्त नहीं है. समय-समय पर स्पोर्ट्स गेम खेलने की आड़ में कई ऐप सामने आए हैं, जिनमें एक निश्चित मात्रा में सट्टेबाजी शामिल है.
1950 से भारत में खेला रहा है सट्टा मटका या सट्टा किंग
भारत में सट्टा मटका या सट्टा किंग के उदय की बात करें, तो सट्टा किंग या सट्टा मटका का खेल भारत में वर्ष 1950 के दशक से एक लॉटरी तौर पर सामने आया. सट्टा मटका या सट्टा किंग ऑनलाइन एक प्रकार का जुआ या लॉटरी गेम है, जो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में हाल ही में बहुत लोकप्रियता हासिल कर रहा है.
क्या है सट्टा किंग सट्टा मटका
सट्टा किंग गेम को एक लॉटरी गेम कहा जाता है. सट्टा किंग या सट्टा मटका में जुए का खेल एक से अधिक व्यक्तियों द्वारा खेला जाता है, जहां एक मटका (पॉट) संख्या के आधार पर खिलाड़ी अपना दांव लगाते हैं. बेट पुरस्कार जीतने के लिए अनुमान लगाने वाली संख्या पर आधारित है. इसके अतिरिक्त, हालांकि सट्टा भारत में अवैध है. फिर भी ऑनलाइन सट्टा मटका की वैधता पर बहुत अस्पष्टता है. पहले 'अंकड़ा जुगर' के रूप में जाना जाता था, सट्टा मटका 1950 के दशक से व्यापक रूप से लोकप्रिय रहा है.
ईडी 25 स्थानों पर मारे छापे
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशों में रजिस्टर्ड कई ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों और भारत से संचालित वेबसाइटों के खिलाफ विदेशी मुद्रा उल्लंघन की जांच के सिलसिले में पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 25 स्थानों पर तलाशी और जब्ती अभियान चलाया. विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) की जांच के दौरान ईडी ने पाया कि फेक नाम से खोली गईं छोटे-छोटे देशों में पंजीकृत कंपनियां, जिनका ऑनलाइन गेमिंग गतिविधियों से कोई संबंध नहीं था, वे धन एकत्र कर रहे थे और इसे सेवाओं या वस्तुओं के आयात नाम पर भारत से बाहर भेज रहे थे.
नोट : प्रभात खबर डॉट कॉम सट्टा-मटका का समर्थन नहीं करता .