RBI: बैंकों में नकदी की कमी, RBI का अलर्ट, जानें आम जीवन पर क्या पड़ेगा असर

RBI: देश के बैंकों में नकदी की कमी एक बार फिर चिंता का विषय बन गई है. दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में बैंकिंग सिस्टम में नकदी की कमी बढ़कर 1.5 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई.

By Abhishek Pandey | January 15, 2025 4:52 PM

RBI: देश के बैंकों में नकदी की कमी एक बार फिर चिंता का विषय बन गई है. दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में बैंकिंग सिस्टम में नकदी की कमी बढ़कर 1.5 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई. इस समस्या से निपटने के लिए बैंक डिपॉजिट पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं.

डिपॉजिट(Deposit) पर बढ़ी ब्याज दरें

वर्तमान में कई बैंकों ने डिपॉजिट पर ब्याज दरें 7.50% तक कर दी हैं. इसके अलावा, कुछ बैंकों ने उच्च ब्याज वाली योजनाओं की समय सीमा बढ़ा दी है और नई एफडी(FD) स्कीम्स पेश की हैं. उदाहरण के तौर पर आईडीबीआई जैसे बैंक वरिष्ठ और अति वरिष्ठ नागरिकों को अतिरिक्त 0.65% तक ब्याज दे रहे हैं, जिससे सुपर सीनियर सिटीजंस के लिए ब्याज दर 8.05% तक पहुंच गई है.

एफडी (FD) स्कीम पर 7.50%

बैंक स्पेशल स्कीम अवधि आम ग्राहक सुपर सीनियर
इंडियन बैंक इंड सुप्रीम 330 दिन 7.05 %7.55-8.05 %
एसबीआई अमृत वृष्टि 444 दिन7.25 %7.55 %
आईडीबीआईउत्सव 555 दिन7.40 %7.90-8.05 %
इंडियन बैंक इंड सुपर 400 दिन7.30 %7.80-8.05 %
बैंक ऑफ बड़ौदाबॉब उत्सव 400 दिन7.30 %7.85-7.95 %
फेडरल बैंक ——–444 दिन7.50 %8.00 %
पंजाब एण्ड सिंध धनलक्ष्मी 444 दिन7.30 %7.80-7.95 %
सोर्स- बैंक वेबसाईट

नकदी सरप्लस से कमी तक का सफर

दिसंबर की शुरुआत में बैंकों के पास करीब 1 लाख करोड़ रुपए की नकदी सरप्लस थी. हालांकि, महीने के मध्य तक टैक्स भुगतान और विदेशी मुद्रा बाजार में आरबीआई के हस्तक्षेप के कारण नकदी घट गई. बंधन बैंक के चीफ इकोनॉमिस्ट सिद्धार्थ सान्याल का कहना है कि अब डिपॉजिट बढ़ाने के लिए ब्याज दरें बढ़ाना जरूरी हो गया है.

RBI ने अपनाया डॉलर-रुपया स्वैप का सहारा

बैंकों ने नकदी बढ़ाने के लिए आरबीआई (RBI) से सहायता मांगी थी, जिसके बाद केंद्रीय बैंक ने डॉलर-रुपया स्वैप का सहारा लिया. इस स्वैप के तहत करीब 3 अरब डॉलर का लेन-देन हुआ, जिससे बैंकों को 25,970 करोड़ रुपए की नकदी मिली. हालांकि, यह उपाय पर्याप्त नहीं है क्योंकि सिस्टम में अब भी 1.25 लाख करोड़ रुपए की कमी है.

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार 27 दिसंबर 2024 तक बैंकों के डिपॉजिट में 9.8% और क्रेडिट ग्रोथ में 11.16% की वृद्धि दर्ज हुई. कुल डिपॉजिट 220.6 लाख करोड़ और कुल लोन 177.43 लाख करोड़ तक पहुंच गया. बैंकों का क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात 80% है, जो 2023 में 79% था और आदर्श रूप से 73% होना चाहिए.

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