म्युचुअल फंड निवेशकों को बड़ा झटका! 1 अप्रैल 2023 से लागू होने जा रहे हैं नए नियम

Mutual Fund निवेशकों को बड़ा झटका लग सकता है. सरकार यह प्रस्ताव कर सकती है कि डेब्ट म्युचुअल फंड में निवेश पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन के तौर पर टैक्स लगाया जाए.

By Samir Kumar | March 24, 2023 6:53 PM

Mutual Fund New Rules: म्युचुअल फंड (MF) निवेशकों को बड़ा झटका लग सकता है. सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, सरकार यह प्रस्ताव कर सकती है कि डेब्ट म्युचुअल फंड में निवेश पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन के तौर पर टैक्स लगाया जाए. बताते चलें कि मौजूदा समय में डेब्ट फंड में निवेशक 3 साल की होल्डिंग अवधि के लिए आयकर स्लैब के अनुसार तीन साल तक होल्ड करने पर कैपिटल गेन पर इनकम टैक्स का भुगतान करते हैं. तीन साल के बाद ये फंड इंडेक्सेशन लाभ के साथ या तो 20 फीसदी या इंडेक्सेशन के बिना 10 फीसदी का भुगतान करते हैं. यह 1 अप्रैल, 2023 को या उसके बाद किए गए निवेश पर लागू होगा.

वर्तमान में डेब्ट फंड में निवेश करने के क्या है कारण

उल्लेखनीय है कि वर्तमान समय में डेब्ट फंड में निवेश करने का एक सबसे बड़ा कारण फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाला टैक्स लाभ है. इसके साथ ही तीन साल से अधिक समय तक रखे गए डेब्ट फंडों को अब इंडेक्सेशन का लाभ नहीं मिलेगा. प्रस्तावित बदलाव गोल्ड, इंटरनेशनल इक्विटी और यहां तक कि फंड्स के डोमेस्टिक इक्विटी फंड्स पर भी लागू होंगे. टैक्स और निवेश विशेषज्ञ बलवंत जैन ने कहा कि डेट म्यूचुअल फंड से जुड़े फाइनेंस बिल 2023 में संशोधन से अनायास ही टैक्सेशन के लिए म्यूचुअल फंड की तीन कैटेगरी बना दी गई है. इनके तहत, न्यूनतम 65 फीसदी इक्विटी वाली इक्विटी उन्मुख योजना शामिल है. वहीं, 35 फीसदी से अधिक इक्विटी वाली योजनाओं पर अल्पावधि पूंजीगत लाभ के रूप में कर नहीं लगाया जाएगा. जबकि, 35 फीसदी से अधिक, लेकिन 65 फीसदी से कम इक्विटी वाले म्युचुअल फंड, इंडेक्सेशन के लिए पात्र हैं और 20 फीसदी पर कर लगाया जाएगा.

जानिए क्या कहते है एक्सपर्ट

एडलवाइस एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी राधिका गुप्ता ने एक ट्वीट में कहा, मुझे उम्मीद है कि डेब्ट फंडों पर इंडेक्सेशन स्थिति के साथ एलटीसीजी को हटाने के लिए वित्त विधेयक में प्रस्तावित बदलाव की समीक्षा की जाएगी. भारत में अभी वित्तीयकरण हो रहा है और एक जीवंत कॉर्पोरेट बॉन्ड बाजार को एक मजबूत डेब्ट एमएफ इकोसिस्टम की आवश्यकता है. टैक्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस प्रस्ताव से बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट को बढ़ावा मिलने की संभावना है. बजट 2023 में एक और बड़ी घोषणा बाजार से जुड़े डिबेंचर (MLD) से संबंधित थी, जिन पर केवल अल्पकालिक पूंजीगत लाभ के रूप में कर लगाने का भी प्रस्ताव है.

नए नियम 1 अप्रैल से होंगे लागू

वित्तवर्ष 2023-24 बस आने ही वाला है, जब कैपिटल गेन टैक्स नियमों में कुछ बदलाव किए जाएंगे. इसके तहत, 1 अप्रैल से भौतिक सोने को इलेक्ट्रॉनिक इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रसीदों में बदलने को हस्तांतरण नहीं माना जाएगा और इसलिए कोई पूंजीगत लाभ कर नहीं लगेगा. इसी तरह इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रसीद को फिजिकल गोल्ड में बदलने पर भी कोई कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा. इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रसीदें डिपॉजिटरी गोल्ड रसीदें होती हैं, जिनका स्टॉक एक्सचेंजों पर कारोबार किया जा सकता है. साथ ही 1 अप्रैल से सरकार आयकर अधिनियम की धारा 54 और 54एफ के प्रावधानों के तहत आवास संपत्ति की बिक्री से पूंजीगत लाभ के पुनर्निवेश पर 10 करोड़ रुपये की सीमा लगाएगी. धारा 54 एक करदाता को आवासीय संपत्ति बेचने और बिक्री आय से एक और प्राप्त करने पर लाभ का दावा करने की अनुमति देता है. धारा 54एफ गृह संपत्ति के अलावा किसी अन्य पूंजीगत संपत्ति की बिक्री से दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर कर की पेशकश करती है. नए वित्तवर्ष से बाजार से जुड़े डिबेंचर के हस्तांतरण या परिपक्वता से उत्पन्न होने वाले पूंजीगत लाभ को अल्पकालिक पूंजीगत लाभ के रूप में माना जाएगा और लागू स्लैब दरों पर कर योग्य होगा.

Next Article

Exit mobile version