Good News: टाटा मोटर्स में स्थायी होंगे 600 से अधिक बाई सिक्स, जारी रहेगी पुत्र-पुत्रियों की बहाली

23 जनवरी के बाद श्रमायुक्त संजीव कुमार बेसरा से समय मिलते ही टाटा मोटर्स प्रबंधन और यूनियन के बीच कर्मचारियों के स्थायीकरण, वार्ड रजिस्ट्रेशन को आगे जारी रखने सहित तमाम बिंदुओं पर समझौते पर हस्ताक्षर हो जायेगा.

By Mithilesh Jha | January 23, 2024 11:20 AM

जमशेदपुर, अशोक झा : टाटा मोटर्स के जमशेदपुर प्लांट में काम करने वाले बाइ सिक्स और कर्मचारी पुत्रों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है. 600 से अधिक बाइ सिक्स स्थायी होंगे. वहीं, कर्मचारियों के पुत्र-पुत्रियों की बहाली जारी रहेगी. प्रबंधन और यूनियन के बीच इस पर सहमति बन गयी है. बताया गया है कि पहले चरण में 600 से ज्यादा बाइ सिक्स स्थायी होंगे. टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष गुरमीत सिंह तोते और महामंत्री आरके सिंह, सलाहकार प्रवीण सिंह पिछले दो-तीन दिनों से टाटा मोटर्स के वाइस प्रेसिडेंट विशाल बादशाह, जमशेदपुर प्लांट के हेड रवींद्र कुलकर्णी, एचआर हेड मोहन गंटा सहित कंपनी के आला अधिकारियों के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं. सोमवार को भी इन अधिकारियों ने रांची से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग की. हालांकि, श्रम विभाग कार्यालय बंद होने की वजह से प्रशासनिक अधिकारी बैठक में शामिल नहीं हुए थे. प्रबंधन और यूनियन ने 2,700 बाइ सिक्स कर्मचारियों के स्थायीकरण के बाद आगे भी कर्मचारी पुत्र-पुत्रियों की बहाली के लिए बातचीत कर रास्ता निकाल लिया है. यूनियन नेताओं ने कहा कि बातचीत जारी है. बेहतर परिणाम आयेगा.


23 के बाद कभी भी हो सकता है समझौता

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर 23 जनवरी को राज्य में सार्वजनिक अवकाश है. इसलिए सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे. 23 जनवरी के बाद श्रमायुक्त संजीव कुमार बेसरा से समय मिलते ही टाटा मोटर्स प्रबंधन और यूनियन के बीच कर्मचारियों के स्थायीकरण, वार्ड रजिस्ट्रेशन को आगे जारी रखने सहित तमाम बिंदुओं पर समझौते पर हस्ताक्षर हो जायेगा.

पहली बार 1972 में हुआ था त्रिपक्षीय समझौता

टाटा मोटर्स जमशेदपुर प्लांट की स्थापना वर्ष 1945 में हुई थी. पहले इसका नाम टेल्को था. संयुक्त बिहार के समय टाटा मोटर्स के कर्मचारियों के बच्चों की बहाली को लेकर वर्ष 1972 में त्रिपक्षीय समझौता हुआ था. समझौते में तय हुआ था कि कंपनी प्रतिवर्ष कर्मचारी पुत्रों को प्रशिक्षण देकर नियोजित करेगी. इसके बाद से कंपनी में कर्मचारियों के बच्चों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हुई.

Also Read: टाटा मोटर्स के उपमहाप्रबंधक अनोखे अंदाज में मना रहे प्राण प्रतिष्ठा समारोह, रामायण से जुड़े सिक्के जुटाये

फिर 2005-2006 में तत्कालीन श्रमायुक्त निधि खरे की अध्यक्षता में संशोधन हुआ. तय हुआ कि टीएमएसटी पुल के माध्यम से कंपनी प्रबंधन प्रतिवर्ष 200 कर्मचारी पुत्रों को कंपनी में नियोजित करेगी. जमशेदपुर प्लांट में 2,600 अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी किया जाना है. इसे लेकर श्रम विभाग को रिपोर्ट सौंपा जाना है. हाइकोर्ट के आदेश के बाद उप-श्रमायुक्त ने तीन माह के अंदर बाइ सिक्स के स्थायीकरण को लेकर प्लानिंग ( योजना/ पैकेज) देने को कहा था.

Also Read: टाटा मोटर्स के मृत बाइसिक्स कर्मी के पुत्र को मिलेगी स्थायी नौकरी, 40 लाख मुआवजा
एक साथ परमानेंट नहीं होंगे बाइ सिक्स

टाटा मोटर्स जमशेदपुर प्लांट में एक साथ सभी 2,700 बाइ सिक्स परमानेंट नहीं होंगे. जमशेदपुर प्लांट में वर्तमान में 5,600 स्थायी कर्मचारी हैं. सभी बाइ सिक्स कर्मियों के स्थायी होने से संख्या बढ़कर 8,300 हो जायेगी. इससे जमशेदपुर प्लांट में अचानक आर्थिक लोड बढ़ जायेगा. तमाम सुविधाएं सभी कर्मचारियों को देना मुश्किल होगा. इसको देखते हुए स्थायीकरण की प्रक्रिया पर बातचीत अंतिम चरण में है. बातचीत में तय होगा कि किस अनुपात व कितने साल में स्थायीकरण पूरा होगा और कर्मचारी पुत्र-पुत्रियों की बहाली भी जारी रहेगी.

Also Read: टेल्को वर्कर्स यूनियन का अस्तित्व समाप्त, वार्ता नहीं, हाइकोर्ट जाने की तैयारी में टाटा मोटर्स प्रबंधन

Next Article

Exit mobile version