दूध-दूध-दूध, पियो ग्लासफुल दूध. यह विज्ञापन तो आपने सुना होगा. यह विज्ञापन महज एक उदाहरण है भारतीय समाज में दूध के महत्व का. भारतीयों के फूड हैबिट में दूध पीना एक जरूरी आदत है और सभी आय और आयुवर्ग के लोग दूध और उसके उत्पादों का इस्तेमाल अपने प्रतिदिन के भोजन में करते हैं.
FSSAI देशभर में दूध और उसके उत्पादों के नमूने की जांच करेगा.
यही वजह है कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) दूध और दूध से बने उत्पादों में मिलावट को रोकने के लिए अपने चल रहे प्रयासों को और तेज करेगा. इसके लिए FSSAI देशभर में सभी जिलों में दूध और उसके उत्पादों के नमूने की जांच करेगा.
फूड हैबिट का हिस्सा है दूध
भारतीय संस्कृति में दूध एक प्रमुख खाद्य पदार्थ है और इसका इस्तेमाल हमारी संस्कृति में सबसे ज्यादा किया जाता है. दूध में कई तरह के महत्वपूर्ण पोषक तत्व और मैक्रोन्यूट्रिएंट होते हैं. हमारे देश में दूध और दूध से बने उत्पादों का इस्तेमाल हर आयु वर्ग के लोग करते हैं. यहां तक की बीमारी की अवस्था में भी दूध पीना बेहतर माना जाता है.
हाॅटस्पाॅट बनाकर होगी जांच
FSSAI ने अपने बयान में कहा है कि कोरोना काल के बाद से लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी जागरूक हो गये हैं, ऐसे में दूध और उसके उत्पाद उनके प्रतिदिन के भोजन में शामिल है. इन हालात में दूध और उससे बने उत्पादों की क्वालिटी बेहतर होना बहुत जरूरी है और इसी बात को ध्यान में रखकर एफएसएसएआई ने यह अभियान चलाया है. FSSAI क्वालिटी चेक के इस प्रोग्राम में कुछ हाॅटस्पाॅट बनाये जायेंगे और फिर जांच के बाद जो तथ्य सामने आयेंगे उनके आधार पर प्राधिकरण अपने सुझाव देगा और उनका कड़ाई से पालन करवाया जायेगा.
त्योहारों के मौके पर होती है दूध में मिलावट
ज्ञात हो कि भारत में त्योहारों के मौके पर बड़ी मात्रा में दूध और उससे बने उत्पादों खासकर मिठाई की खूब बिक्री होती है. कई बार ये मिठाई खराब क्वालिटी की वजह से लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं. वजह साफ है मिलावट. यही वजह है कि FSSAI ने त्योहारों के दौरान अखिल भारतीय दुग्ध उत्पाद सर्वेक्षण, 2020 का आयोजन किया था. इस जांच में एक ओर जहां मिलावट की जांच की गयी वहीं यह भी जांच किया गया कि दूध देने वाले जानवरों को होने वाली बीमारियों का असर दूध पर ना हो यह भी सुनिश्चित किया जाये.