बीजिंग : भारत के साथ बरसों से जारी सीमा विवाद के बीच पड़ोसी देश चीन अपने रक्षा बजट में बढ़ोतरी करने जा रहा है. मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन ने अपने सालाना संसद सत्र से पहले ‘जटिल सुरक्षा चुनौतियों’ का हवाला देते हुए शनिवार को अपना रक्षा बजट बढ़ाने का संकेत दिया है. संसद सत्र के दौरान प्रधानमंत्री ली कचियांग के उत्तराधिकारी के नाम समेत नए मंत्रियों की जानकारी सामने आ सकती है. शीर्ष सलाहकार निकाय ‘चाइनीज पीपुल्स पॉलिटिकल कन्सलटेटिव कॉन्फ्रेंस’ (सीपीपीसीसी) की बैठक के साथ ही शनिवार को चीनी संसद का बजट सत्र शुरू हुआ. वहीं, राष्ट्रीय विधायिका ‘नेशनल पीपुल्स कांग्रेस‘ (एनपीसी) की बैठक रविवार से शुरू होगी.
ली कियांग बन सकते हैं नए प्रधानमंत्री
सप्ताह भर से अधिक समय तक चलने वाले सत्रों में 5,000 से अधिक प्रतिनिधि और सलाहकार भाग लेंगे. इस दौरान चीन औपचारिक रूप से अपने नए मंत्रिमंडल और शीर्ष आधिकारिक नेतृत्व की घोषणा करेगा. संभावना जताई जा रही है कि इस दौरान चीनी प्रधानमंत्री ली कचियांग के उत्तराधिकारी के तौर पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग के करीबी ली कियांग का नाम घोषित किया जा सकता है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग (69) को छोड़कर सभी शीर्ष नेताओं को हर 10 साल में नेतृत्वकारी टीम बदलने की परंपरा के तहत बदला जाएगा.
पिछले साल 230 अरब डॉलर का था रक्षा बजट
एनपीसी के सत्र की शुरुआत से पहले प्रवक्ता वांग चाओ ने देश के रक्षा बजट में वृद्धि का संकेत दिया, जो पिछले साल 7.1 फीसदी की वृद्धि के बाद कुल 230 अरब डॉलर था. अमेरिका का रक्षा बजट 777.1 अरब डॉलर है, जिसके बाद चीन का रक्षा बजट दूसरा सबसे बड़ा रक्षा खर्च है. वांग ने बजट की राशि का खुलासा नहीं करते हुए कहा कि रविवार को एनपीसी में औपचारिक रूप से इसके बारे में जानकारी दी जाएगी.
कहां खड़ा है भारत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2023 को केंद्रीय बजट में वर्ष 2023-24 के लिए रक्षा क्षेत्र को कुल 5.94 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है. वहीं, पिछले साल भारत का रक्षा बजट 5.25 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का रहा था. यह कुल बजट का 13.31 फीसदी था. इसमें रक्षा पेंशन के लिए 1.19 लाख करोड़ रुपये की धनराशि शामिल है. ये बजट पिछले वर्ष के मुकाबले में करीब 10 फीसदी ज्यादा था. पिछले कई सालों से भारत सरकार अपने रक्षा बजट में इजाफा कर रही है.
भारत के मुकाबले चीन का बजट 4 गुना अधिक
चीन के रक्षा व्यय को लेकर विश्व बैंक की ओर से जारी किए गए एक आंकड़े के अनुसार, वर्ष 2021 में चीन का सेना पर खर्च 293.35 अरब डॉलर का था. वहीं, समीक्षाधीन अवधि में भारत का रक्षा पर 76.6 अरब डॉलर का खर्च था, जो चीन के रक्षा बजट के मुकाबले 4 गुना कम है.