आपके एक अदद आशियाने के सपने को CLSS से लग सकते हैं पंख

लखनऊ : एक अदद आशियाने के सपने को अब पंख लगने के आसार अधिक दिखायी देने लगे हैं. इसकी वजह यह है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से सस्ते मकान उपलब्ध कराने की खातिर शुरू की गयी कर्ज से जुडी ब्याज सब्सिडी योजना (सीएलएसएस) से आम गरीबों के साथ-साथ मध्यम आय वर्ग […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 24, 2017 3:00 PM

लखनऊ : एक अदद आशियाने के सपने को अब पंख लगने के आसार अधिक दिखायी देने लगे हैं. इसकी वजह यह है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से सस्ते मकान उपलब्ध कराने की खातिर शुरू की गयी कर्ज से जुडी ब्याज सब्सिडी योजना (सीएलएसएस) से आम गरीबों के साथ-साथ मध्यम आय वर्ग के लोगों के भी घर के सपने को पंख लग सकते हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इस महत्वपूर्ण पहल के तहत निजी बिल्डरों को भी काम करने की छूट से यह काम और आसान हो गया है.

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राज्य नगरीय विकास अभिकरण (सूडा) के परियोजना प्रबंधक विनोद कनौजिया ने बताया कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 तक हर नागरिक के सिर पर छत दिलाने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के तहत सीएलएसएस योजना की की शुरुआत की है. इसके तहत न केवल आर्थिक रूप से कमजोर तबके (ईडब्ल्यूएस) और निम्न आय वर्ग (एलआईजी), बल्कि मध्यम आय वर्ग (एमआईजी) के लोगों को भी घर के लिए कर्ज पर ब्याज पर अनुदान मिलता है.

यह पूछे जाने पर कि लखनऊ में कई निजी बिल्डर भी प्रधानमंत्री आवास योजना की सीएलएसएस स्कीम के तहत काम कर रहे हैं. क्या ऐसा करना जायज है? इस सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत कोई भी निजी बिल्डर कर्जदाता बैंक की मदद से मकानों का निर्माण कर सकते हैं और इसके लिए सूडा से मंजूरी लेने की भी जरूरत नहीं है. राजधानी लखनऊ में कई निजी बिल्डर इसके तहत काम कर रहे हैं. इसमें कुछ भी गलत नहीं है.

आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय के निदेशक आरके गौतम ने बताया कि सीएलएसएस प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के चार अंगों में से एक है. यह योजना बैंकों तथा अन्य अधिकृत वित्तीय संस्थाओं के माध्यम से लागू की जा रही है.

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