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नोटबंदी का असर : दिसबंर में औद्योगिक उत्पादन में 0.4 प्रतिशत का गिरावट

नयी दिल्ली : नोटबंदी के असर से खास कर टिकाऊ उपभोक्ता सामान उद्योग में बडी गिरावट के बीच दिसंबर में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) एक साल पहले इसी माह की तुलना में 0.4 प्रतिशत कम रहा. औद्योगिक क्षेत्र का यह चार महीने का सबसे खराब प्रदर्शन है. इस टिकाउ उपभोक्ता सामान बनाने उद्योगों के उत्पादन में […]

नयी दिल्ली : नोटबंदी के असर से खास कर टिकाऊ उपभोक्ता सामान उद्योग में बडी गिरावट के बीच दिसंबर में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) एक साल पहले इसी माह की तुलना में 0.4 प्रतिशत कम रहा. औद्योगिक क्षेत्र का यह चार महीने का सबसे खराब प्रदर्शन है. इस टिकाउ उपभोक्ता सामान बनाने उद्योगों के उत्पादन में सालाना आधार पर 10 प्रतिशत की गिरावट आई. कुल विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन भी घटा है. दिसंबर 2015 में औद्योगिक उत्पादन 0.9 प्रतिशत गिरा था.

इन आंकड़ों से लगता है कि 8 नवंबर, 2016 को 500 और 1,000 के पुराने नोटों का चलन बंद करने से पैदा नकदी संकट से औद्योगिक उत्पादन प्रभावित हुआ है. नवंबर में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत रही थी. इसमें नोटबंदी का प्रभाव शामिल नहीं था. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से आज जारी आंकडों के अनुसार दिसंबर में विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में दो प्रतिशत की गिरावट आयी. एक साल पहले समान महीने में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 1.9 प्रतिशत घटा था. इससे पहले अगस्त में औद्योगिक उत्पादन 0.7 प्रतिशत घटा था. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर की अवधि में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 0.3 प्रतिशत पर लगभग स्थिर रही है. इससे पिछले वित्त वर्ष के पहले नौ माह में औद्योगिक उत्पादन 3.2 प्रतिशत बढ़ा था.

समीक्षाधीन महीने में टिकाउ उपभोक्ता सामान क्षेत्र का उत्पादन 10.3 प्रतिशत घट गया. इस खंड में टीवी, रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन आदि का उत्पादन आता है. एक साल पहले समान महीने में टिकाउ उपभोक्ता सामान क्षेत्र का उत्पादन 16.6 प्रतिशत बढ़ा था. एफएमसीजी सहित उपभोक्ता गैर टिकाऊ क्षेत्र का उत्पादन दिसंबर में पांच प्रतिशत घटा. दिसंबर, 2015 में यह 2.7 प्रतिशत घटा था. कुल मिलाकर उपभोक्ता सामान क्षेत्र का उत्पादन दिसंबर में 6.8 प्रतिशत घटा है, जबकि एक साल पहले समान महीने में इसमें 3.2 प्रतिशत की बढ़त रही थी. निवेश का संकेतक कहे जाने वाले पूंजीगत सामान क्षेत्र का उत्पादन तीन प्रतिशत घटा.
दिसंबर, 2015 में यह 18.6 प्रतिशत घटा था. प्रयोग आधारित वर्गीकरण के हिसाब से मूल वस्तुओं का उत्पादन 5.3 प्रतिशत बढा, जबकि मध्यवर्ती वस्तुओं का उत्पादन 1.2 प्रतिशत घटा. हालांकि, दिसंबर में बिजली क्षेत्र का उत्पादन 6.3 प्रतिशत बढ़ गया. एक साल पहले समान महीने में यह 3.2 प्रतिशत बढ़ा था. खनन उत्पादन इस दौरन 5.2 प्रतिशत बढा जबकि इससे पिछले साल दिसंबर में यह 2.8 प्रतिशत बढ़ा था. कुल मिलाकर विनिर्माण क्षेत्र के 22 उद्योग समूहों में से 17 में उत्पादन में गिरावट दर्ज हुई.

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