नयी दिल्लीः दूरसंचार सचिव एमएफ फारूकी ने कहा है कि कंपनियों के विलय एवं अधिग्रहण के सबंध में बहु-प्रतीक्षित दिशानिर्देश 10 दिन के भीतर लागू किये जा सकते हैं. वे यहां बुधवार को सीआइआइ के ब्रॉडबैंड सम्मेलन में संबोधित कर रहे थे. मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह (इजीओएम) ने इस पर कानूनी सलाह मांगी है कि क्या कंपनियों के पुनर्गठन को स्पेक्ट्रम की बिक्री माना जायेगा और क्या यह स्पेक्ट्रम धारण की न्यूनतम अवधि के नियमों के विरुद्ध नहीं होगा. मंत्रिसमूह द्वारा मंजूर दिशा-निर्देश के मुताबिक विलय के बाद बननेवाली कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए.
स्पेक्ट्रम नीलामी के जरिये स्पेक्ट्रम की खरीद करनेवाली कंपनियों को खरीदने पर स्पेक्ट्रम के लिए अतिरिक्त सरकारी भुगतान नहीं करना होगा. पर ऐसे मामलों में सरकार को स्पेक्ट्रम के लिए भुगतान करना होगा, जहां खरीदी जानेवाली कंपनी को स्पेक्ट्रम सरकारी मूल्य पर आवंटित किया गया है. यह भुगतान आवंटन मूल्य और बाजार मूल्य के अंतर के बराबर होगा.
फारुकी ने कहा कि नीलामी एक तरीका है, जिससे स्पेक्ट्रम खरीदा जा सकता है. हम स्पेक्ट्रम के अधिग्रहण के मामले में कई तरीकों पर विचार कर रहे हैं. विलय एवं अधिग्रहण स्पेक्ट्रम प्राप्त करने का दूसरा तरीका होगा. उपभोक्ताओं की संख्या के लिहाज से भारत की सबसे बड़ी मोबाइल सेवा कंपनी भारती एयरटेल ने मंगलवार को कहा था कि वह मुंबई में लूप मोबाइल के कारोबार और परिसंपत्तियों को खरीदेगी. मुंबई में लूप मोबाइल के 30 लाख और एयरटेल के 40 लाख उपभोक्ता हैं. इस अधिग्रहण के बाद भारती मुंबई महानगर का सबसे बड़ा नेटवर्क बन जायेगा और लूप मोबाइल का 2जी नेटवर्क एयरटेल के नेटवर्क का हिस्सा बन जायेगा.
सचिव ने कहा कि विलय एवं अधिग्रहण नीति को दूरसंचार विभाग अंतिम स्वरूप देगा और अंतर-मंत्रलयीय समिति या मंत्रिसमूह के सामने इसे पेश करने की जरूरत नहीं होगी. सीआइआइ की दूरसंचार एवं ब्रॉडबैड की राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष किरण कार्णिक ने कहा अभी तक विलय एवं अधिग्रहण दिशानिर्देश आदर्श रूप में सामने नहीं आया है, लेकिन इससे क्षेत्र में पुनर्गठन की प्रक्रिया संभव हो सकेगी. फारुकी ने कहा कि सितंबर 2015 तक 2.5 लाख ग्राम पंचायतों में ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय आप्टिकल फाइबर नेटवर्क शुरू हो जायेगा.
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