नयी दिल्ली: सरकार ने आज बताया कि उसका कोलकाता और चेन्नई सहित छह हवाईअड्डों के निजीकरण के साथ आगे बढ़ते हुए वह 12वीं योजनावधि के दौरान परिचालन और विकास के लिए 14 और हवाईअड्डों को निजी हाथों में सौंपने का इरादा है.
सरकारी उपक्रम भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकार (एएआई) द्वारा विकसित किये गये छह हवाईअड्डे. कोलकाता, चेन्नई, लखनउ, गुवाहाटी, जयपुर और अहमदाबाद में हैं जहां सरकार सार्वजनिक निजी साङोदारी (पीपीपी) व्यवस्था में जाने की प्रक्रिया में हैं.
नागर विमानन राज्यमंत्री के सी वेणुगोपाल ने एक लिखित उत्तर में कहा कि भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकार द्वारा विकसित हवाईअड्डे, जिन्हें सरकार सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) व्यवस्था के तहत लाने की योजना बना रही है, भुवनेश्वर, कोयम्बटूर, त्रिची, वाराणसी, इंदौर, अमृतसर, उदयपुर, गया, रायपुर, भोपाल, अगरतला, इंफाल, मंगलौर और वड़ोदरा में हैं.
एक अन्य लिखित उत्तर में मंत्री ने जो आंकड़े दिये हैं वे दिल्ली और मुंबई हवाईअड्डों पर यात्रियों की संख्या में मामूली वृद्धि को प्रदर्शित करते हैं. दिल्ली में वर्ष 2012.13 में अप्रैल दिसंबर के बीच यात्रियों की संख्या 19.7 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2013.14 में 19.8 प्रतिशत हो गई तथा मुंबई में यह संख्या 17.3 से बढ़कर 17.8 प्रतिशत हो गई.
समान अवधि के दौरान हैदराबाद से यातायात में वास्तव में गिरावट आई है जो 5.3 प्रतिशत से घटकर 5.1 प्रतिशत रह गया.
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