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फणीश मूर्ति फिर सेक्स स्कैंडल में, दर्ज होगा केस

नयी दिल्ली : आईटी कंपनी आईगेट के बर्खास्त मुख्य कार्यपालक अधिकारी फणीश मूर्ति पर अपनी एक मातहत अधिकारी का यौन शोषण करने और उसे गर्भवती करने के आरोप में मुकदमा दायर किया जाएगा. पीडि़ता की ओर से कैलिफोर्निया स्थित कानूनी फर्म एइमैन स्मिथ एंड मर्सी ने एक बयान में कहा है कि आईगेट की अधिकारी […]

नयी दिल्ली : आईटी कंपनी आईगेट के बर्खास्त मुख्य कार्यपालक अधिकारी फणीश मूर्ति पर अपनी एक मातहत अधिकारी का यौन शोषण करने और उसे गर्भवती करने के आरोप में मुकदमा दायर किया जाएगा.

पीडि़ता की ओर से कैलिफोर्निया स्थित कानूनी फर्म एइमैन स्मिथ एंड मर्सी ने एक बयान में कहा है कि आईगेट की अधिकारी अरासेली रोइज के पेट में मूर्ति का गर्भ है. रोइज कंपनी के निवेशक संपर्क विभाग की प्रमुख हैं.

बयान में कहा गया है कि मूर्ति ने रोइज के साथ अपने संबंधों के बारे में आईगेट के निदेशक मंडल को तब सूचित किया जब रोइज ने मूर्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के बारे में उन्हें सूचित किया.

उल्लेखनीय है कि उद्योग के जानेमाने कार्यकारियों में से एक मूर्ति को इससे पहले यौन शोषण के एक मुकदमे के बाद 2002 में भारत की दूसरी सबसे बड़ी साफ्टवेयर कंपनी इनफोसिस से इस्तीफा देना पड़ा था.

पीडित महिला के वकील ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि अरसेली रोईज मूर्ति के बच्चे की मां बनने वाली थी. जैसे ही मूर्ति को इस बात का पता चला उन्होंने रोईज को बच्चा गिराने पर जोर दिया, लेकिन रोईज के साफ मना करने पर मूर्ति ने उसे कंपनी से बाहर निकालने की धमकी दी.

रोईज मूर्ति की कंपनी में सुपरवाइजर थी. मूर्ति रोईज की पर्सनल और प्रोफेश्नल दोनों लाइफ पर ही अपना हक समझते थे. जब से रोईज ने कंपनी ज्वाइन की थी तबसे मूर्ति उसके पीछे पड़ा था, लेकिन मंगलवार को आरोप साबित होने के बाद मूर्ति ने अपनी सफाई में कहा था कि वे बस कुछ महीनों से ही रोईज को जानते हैं. जबकि वे दोनों काफी समय से ही एक साथ हैं.

उस रिलीज में आगे लिखा है कि रोईज अपनी जिंदगी चलाने के लिए मूर्ति पर पूरी तरह से निर्भर हैं, इसलिए मूर्ति उसका यौन शोषण कर पाता है. जब रोईज ने अपने पर हो रहे अत्याचारों का विरोध करने की कोशिश की तो मूर्ति ने उसकी किसी भी जिम्मेदारी को उठाने से इनकार कर दिया.इसी डर से रोईज अब तक सब कुछ सहती आयी है.

मुझे बेवजह फंसाया गया है : मूर्ति
इधर, मूर्ति ने अपने पर लगे यौन शोषण के सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा, मुझे जबरदस्ती इस झूठे मामले में फंसाया जा रहा है. मेरी कोई गलती नहीं है. मैने कंपनी के किसी भी नियमों को नहीं तोड़ा है. मुझ पर लगे सभी आरोप झूठे हैं.

गौरतलब है कि मूर्ति को यौन शोषण के आरोप में आई-गेट के सीईओ पद से बर्खास्त कर दिया गया है. इनकी जगह गेहार्ड वॉटजिंगर को तत्काल प्रभाव से अंतरिम प्रेसीडेंट व सीईओ नियुक्त किया है.प्राप्त जानकारी के अनुसार, फणीश मूर्ति पर लगाए गए आरोपों की जांच में कंपनी के निदेशक मंडल ने पाया गया कि उन्होंने कंपनी की पॉलिसी और अनुबंध का उल्लंघन किया है. दरअसल, यौन उत्पीड़न मामले में मूर्ति अपनी बेगुनाही साबित नहीं कर सके इसलिए उन पर कार्रवाई की गई.

कंपनी के सह-संस्थापक व सह-अध्यक्ष सुनील बाधवानी ने कहा कि बोर्ड में मामले पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई. हम पिछले 10 वर्षो से आईटी उद्योग जगत में कंपनी को लीडर के रूप में स्थापित करने के लिए मूर्ति के योगदान की सराहना करते हैं. उन्होंने कड़ी मेहनत से आई-गेट को बेहतर बनाया और हम उनके प्रयास की सराहना करते हैं. हालांकि, मूर्ति ने आई-गेट पॉलिसी की अवहेलना की, इसलिए हमने उन्हें त्यागपत्र देने को कहा.

यौन शोषण के आरोप के बाद इंफोसिस से दिया था त्यागपत्र
गौरतलब है कि इंफोसिस की पूर्व कर्मचारी रेखा मैक्सीमोविच ने मूर्ति के खिलाफ यौन शोषण का मामला दर्ज कराया था. इससे पहले, इंफोसिस में काम करने के दौरान भी मूर्ति पर यौन शोषण के आरोप लगे थे जिसके बाद उन्होंने खुद कंपनी छोड़ दी थी.

साल 1996 में स्थापित इस कंपनी का ज्यादातर काम आउटसोर्सिग का है और इसका मुख्यालय अमेरिका के कैलिफोर्निया में है. इसमें लगभग 30 हजार कर्मचारी काम करते हैं और ज्यादातर काम बेंगलूर से संचालित होता है. 2011 में इसने 5500 करोड़ रुपये में एक और आईटी कंपनी पटनी कंप्यूटर्स का अधिग्रहण किया था. इसके भी सीईओ फणीश मूर्ति ही थे.

लड़कियों की लत थी मूर्ति को
अपनी योग्यता के बदौलत कंपनियों को शीर्ष पर पहुंचाने वाले फनीश मूर्ति की एक गलत आदत उन्हें नीचे पहुंचा देता है. उनपर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाकर 10 साल पहले इंफोसिस व अब आइगेट बाहर का रास्ता दिखा दिया है. हालांकि मूर्ति ने इस आरोप का खंडन किया है. वहीं उन पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला ने उन्‍हें कोर्ट में घसीटने का फैसला किया है.

आईटी कंपनी आईगेट कॉरपोरशन ने तीन दिन पहले ही अपने चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर और एम्पलाइमेंट ऑफिसर फनीस मूर्ति को पद से हटा दिया था. कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने बताया कि एक जांच की बाद इस आरोप कि पुष्टि हुई है कि मूर्ति का व्यवहार अपनी एक जूनियर महिला कर्मचारी के साथ कंपनी की नीतियों के अनुरूप नहीं था.

मूर्ति पर जूनियर महिला कर्मचारी के साथ यौन प्रताडऩा समेत उसे परेशान करने आरोप लगा था. आईगेट के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने भारतीय मूल के मूर्ति को पद से हटाने के बाद कंपनी के नए सीईओ और प्रेसीडेंट नाम की घोषणा भी कर दी थी. कंपनी ने गेरहार्ड वाटजिंगर को यह जिम्मेदारी सौंपी है. कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने मूर्ति के खिलाफ यौन प्रताडऩा व अन्य आरोपों की आंतरिक जांच कराई थी. मूर्ति का कहना है कि उन पर लगाए गए आरोप गलत हैं.

इस कंपनी से पहले फनीस भारत की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर इंफोसिस में सेल्स हेड थे. यह दूसरा मौका है, जब उन पर यौन प्रताडऩा के आरोप लगे हैं. इसके पहले भी मूर्ति पर 2003 में यौन प्रताडऩा का आरोप लगा था. मूर्ति के खिलाफ यह आरोप इंफोसिस की एक्जीक्यूटिव सेक्रेटरी रेखा मैक्सिमोविच ने लगाया था. मैक्सिमोविच ने यौन प्रताडऩा और गलत तरीके से नौकरी से निकाले जाने को लेकर केस दर्ज कराया था.

इंफोसिस ने इस मामले को कोर्ट से बाहर करीब 16 करोड़ 50 लाख रुपये (3 मिलियन डॉलर) देकर समझौता कर लिया था.
अग्रणी कंसल्‍टेंसी, टेक्‍नोलॉजी और बिजनेस आउटसोर्सिंग कंपनी आईगेट का कारोबार खूब चल रहा है. दुनिया की करीब 300 कंपनियों को बैंकिंग, पर्सनल फाइनेंस, रिटेल, डिस्‍ट्रीब्‍यूसन आदि से जुड़ी सेवा मुहैया कराने वाली आईगेट से अगस्‍त 2003 में मूर्ति जुड़े थे.

अपने करीब 10 साल के कार्यकाल में मूर्ति ने कंपनी को नई ऊंचाई पर पहुंचाई, लेकिन उनकी एक गलती के कंपनी को उनको बर्खास्‍त करना पड़ा. मूर्ति ने हालांकि अपने ऊपर लगे इन आरोपों को खारिज किया है. आईगेट के साथ मूर्ति की सबसे बड़ी सफलता साल 2011 में अपने करीब दोगुनी बड़ी कंपनी पटनी कंप्‍यूटर का अधिग्रहण था.

अमेरिका में यौन शोषण की सजा
अमेरिका में यौन शोषण का आरोप साबित हो जाने के बाद दोषियों को सजा दी जाती है. वर्ष 2008 में एक अमेरिकी सरकारी अधिकारी को अपने सहकर्मियों के साथ सेक्स करने और उनसे गिफ्ट लेने के आरोप में सजा दिया गया था. वहीं एक महिला एयर फोर्स ट्रेनर को भी अपने ट्रेनी के साथ सेक्स करने के आरोप में तीन माह कैद की सजा दी गयी थी , लेकिन राजनेताओं पर जब भी यौन शोषण के आरोप लगे हैं, उन्हें माफ कर दिया गया. बिल क्लिंटन इसके सबसे बडे उदाहरण हैं.

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