मुंबई : भारत स्टार्टअप के मामले में तेजी सेबड़ा केंद्र बनने की दिशा में आगे बढ रहा है. वर्ष 2020 तक देश में इस तरह के उद्यमों की संख्या 2.2 गुणा बढकर 10,500 तक पहुंचने की उम्मीद है. एक रिपोर्ट में यह उम्मीद जाहिर करते हुए कहा गया है कि पिछले साल ऐसी धारणा बनी थी कि देश में इसकेलिए माहौल सुस्त पड़ा है इसके बावजूद इसमें वृद्धि की उम्मीद है. नास्कॉम-जिनोव की रिपोर्ट ‘‘भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकीतंत्र परिपक्वता- 2016” के मुताबिक स्टार्टअप के मामले में भारत तीसरे नंबर पर है. अमेरिका और ब्रिटेन के बाद भारत का तीसरा स्थान है. वर्ष 2016 की समाप्ति पर 1,400 स्टार्टअप होने की उम्मीद है.
यह संख्या पिछले साल के मुकाबले 8 से 10 प्रतिशत अधिक होगी. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बेंगलुरु, एनसीआर और मुंबई देश में स्टार्टअप के बड़े केंद्र बने रहेंगे. रिपोर्ट के मुताबिक सीधी वृद्धि के लिए निवेशक स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी क्षेत्र, वित्तीय प्रौद्योगिकी और शिक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्रों पर गौर कर रहे हैं. करीब चार अरब डाॅलर के कुल वित्तपोषण के साथ 650 स्टार्टअप को वित्तपोषण उपलब्ध कराया गया. इससे अनुकूल तंत्र की उपस्थिति का पता चलता है. रिपोर्ट के अनुसार देश में उपलब्ध प्रौद्योगिकी स्टार्टअप की कुल संख्या 2016 के अंत तक 10 से 12 प्रतिशत बढकर 4,750 से अधिक होने की उम्मीद है. इसमें कहा गया है कि इस स्थिति को देखते हुए 2020 तक भारत 10,500 से अधिक स्टार्टअप काबड़ा केंद्र होगा जिसमें 2,10,000 से अधिक लोग काम कर रहे होंगे.
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