मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करने का समय बदलकर मध्य दोपहर कर दिया है. केंद्रीय बैंक की अगली मौद्रिक समीक्षा बैठक मंगलवार को होनी है. लंबे समय से रिजर्व बैंक 11 बजे मौद्रिक समीक्षा पेश करता रहा है. केंद्रीय बैंक ने अपनी वेबसाइट पर कहा, ‘मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का प्रस्ताव केंद्रीय बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर 4 अक्तूबर को दोपहर ढाई बजे डाला जाएगा.’ इसमें कहा गया है कि ब्याज दरों पर फैसले के लिए एमपीसी की बैठक सोमवार और मंगलवार को भी होगी. इस घोषणा के बाद 2:45 बजे रिजर्व बैंक के नये गवर्नर उर्जित पटेल संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करेंगे.
उनसे पहले रघुराम राजन के कार्यकाल में संवाददाता सम्मेलन 11:10 बजे होता था. उसके बाद दोपहर में अनुसंधानकर्ताओं तथा विश्लेषकों के साथ कॉन्फेंस कॉल का आयोजन होता था. डी सुब्बाराव के कार्यकाल में 11 बजे नीतिगत घोषणा के बाद तीन बजे संवाददाता सम्मेलन होता था. इस बीच रिजर्व बैंक ने बयान में कहा है कि नवगठित छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की पहली बैठक 3 और 4 अक्तूबर को होगी, जिसमें नीतिगत दरों पर फैसला किया जाएगा.
केंद्रीय बैंक ने कहा कि एमपीसी की बैठक 3 और 4 अक्तूबर को होगी, जिसमें 2016-17 की चौथी द्विमासिक समीक्षा की जाएगी. एमपीसी का प्रस्ताव 4 अक्तूबर को ढाई बजे वेबसाइट पर डाला जाएगा. अभी तक रिजर्व बैंक के गवर्नर महत्वपूर्ण नीति दर पर निर्णय करते थे. इस बार पहली बार एक शक्तिशाली ब्याज दर तय करने वाली समिति इस पर फैसला करेगी, जिसके गठन को सरकार ने कल अधिसूचित किया है. एमपीसी में तीन सदस्य रिजर्व बैंक से हैं जबकि तीन अन्य को सरकार ने मनोनीत किया है.
एमपीसी को मुद्रास्फीति को उपरी स्तर पर 4 प्रतिशत तथा निचले स्तर पर 2 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य दिया गया है. एमपीसी के प्रत्येक सदस्य का एक मत होगा. टाई की स्थिति में रिजर्व बैंक के गवर्नर के मत से दरों पर फैसला लिया जाएगा. हालांकि, गवर्नर को बहुमत के फैसले का वीटो करने का अधिकार नहीं होगा. एमपीसी के सदस्यों में रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल, डिप्टी गवर्नर मौद्रिक नीति के इन्चार्ज आर गांधी और केंद्रीय बैंक के कार्यकारी निदेशक माइकल पतरा शामिल हैं. एमपीसी में सरकार द्वारा मनोनीत सदस्यों में चेतन घाटे (भारतीय संख्यिकी संस्थान में प्रोफेसर), पमी दुआ (दिल्ली स्कूल आफ इकनामिक्स में निदेशक) तथा रविंद्र एच ढोलकिया (प्रोफेसर, भारतीय प्रबंधन संस्थान-अहमदाबाद) शामिल हैं.
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