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सहारा मामला: सेबी ने कहा 12000 रिफंड आवेदन मिले

नयी दिल्ली : बहुचर्चित सहारा मामले में बाजार नियामक सेबी ने आज खुलासा किया कि उसे निवेशकों से रिफंड के लिए लगभग 12000 आवेदन मिले हैं. इसमें से उसने 8700 से अधिक मामलों में लगभग 55 करोड़ रुपये का भुगतान किया है जिसमें 24 करोड़ रूपये का ब्याज शामिल है. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड […]

नयी दिल्ली : बहुचर्चित सहारा मामले में बाजार नियामक सेबी ने आज खुलासा किया कि उसे निवेशकों से रिफंड के लिए लगभग 12000 आवेदन मिले हैं. इसमें से उसने 8700 से अधिक मामलों में लगभग 55 करोड़ रुपये का भुगतान किया है जिसमें 24 करोड़ रूपये का ब्याज शामिल है.

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने रिफंड को लेकर ताजा स्थिति की जानकारी देते हुए कहा है कि उसे 36,415 जमा खातों से जुडे 11,956 आवेदन मिले थे और उसने 20,783 जमा खातों से जुडे 8734 आवेदनों के लिए रिफंड कर दिया है. सेबी का कहना है कि उसने कुल 55.72 करोड़ रूपये का रिफंड किया है जिसमें लगभग 31.7 करोड़ रूपये का मूल धन तथा 24.01 करोड़ रूपये का ब्याज शामिल है.
सेबी के अनुसार उसने 1648 जमा खातों से जुडे लगभग 336 आवेदन आवेदकों के पास भेजे हैं ताकि उनमें त्रुटियों को दूर किया जा सके. वहीं 8071 जमा खातों से जुडे आवेदन विवादास्पद श्रेणी में आते हैं जिनके बारे में सक्षम प्राधिकार ही कोई फैसला करेगा.
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने 8 मई 2013 को सेबी को उसके पास दावा करने वाले ‘वास्तविक’ निवेशकों को रिफंड करने की अनुमति दी थी। इसके बाद नियामक ने अगस्त व दिसंबर 2014 में इस बारे में विज्ञापन जारी किए और रिफंड के आवेदन का प्रारुप सेबी की वेबसाइट पर डाले.
पीएसीएल लिमिटेड से जुडे एक और अन्य बहुचर्चित मामले में सेबी ने अपनी सालाना रपट में कहा है कि शुरआती वसूली प्रक्रिया के बाद उसने 211.60 करोड़ रुपये की वसूली की है. सेबी ने कंपनी तथा इसके प्रवर्तकों व निदेशकों के खिलाफ नवंबर 2015 में वसूली प्रक्रिया शुरु की थी. उच्चतम न्यायालय ने इस साल फरवरी में सेबी से कहा कि वह पूर्व मुख्य न्यायाधीश आर एम लोढा की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने को कहा ताकि पीएसीएल की संपत्तियां बेची जा सकेंगी और पैसा निवेशकों दिया जा सके.
सेबी के अनुसार समिति के निर्देशों के अनुसार ही 211.60 करोड़ रुपये की सारी राशि एक विशेष बैंक खाते में डाली गई है जो कि समिति ने खुलवाया है. सहारा के मामले में सेबी ने एक विशेष प्रवर्तन प्रकोष्ठ गठित किया है जो कि दस्तावेजों के सत्यापन से जुडे काम को देखेगा. यह कदम उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार उठाया गया है.
उल्लेखनीय है कि सहारा समूह कहता रहा है कि उसने निवेशकों को 95 प्रतिशत राशि सीधे तौर पर पहले ही रिफंड कर दी है. समूह का दावा है कि नियामक के पास उसके कुल मिलाकर 14000 करोड रुपये (अर्जित ब्याज सहित) जमा हैं. समूह ने सेबी से सत्यापन प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा है.

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