मुंबई : वसूल न होने वाले कर्जों की राशि में लगातार बढ़ोतरी के बीच रिजर्व बैंक ने कहा है कि बैंकिंग प्रणाली का जोखिम पिछले छह महीने में बढ़ा है लेकिन बैंकिंग व्यवस्था के लिए इससे फिलहाल कोई खतरा नहीं हैं. रिजर्व बैंक ने आज जारी अपनी छमाही वित्तीय स्थिरता रपट में कहा है, ‘‘बैंकिंग स्थिरता सूचकांक से पता चलता है कि जून 2013 से बैंकिंग क्षेत्र का जोखिम बढ़ा है.’’
रपट में कहा गया ‘‘परिसंपत्ति की गुणवत्ता पर दबाव चिंता का प्रमुख विषय है.’’ आरबीआई ने कहा कि मौजूदा हालात बने रहे तो सकल एनपीए सितंबर 2014 तक बढ़कर 4.6 प्रतिशत या 2,290 अरब रुपये हो जाएगा जो सितंबर 2013 में 4.2 प्रतिशत या 1,670 अरब रुपये था.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.