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2013:वाहन बाजार में इनका रहा जलवा

जब भी कोई वर्ष खत्म होने के कगार पर होता है तो आमतौर पर यह सवाल उठता है कि क्या खोया क्या पाया? इस दार्शनिक सवाल से बाजार भी कहां बच पाता है. कार और मोटरसाइकिल निर्माता कंपनियों की बात करें, तो उनके लिए इस सवाल का जवाबकाफी खट्टा-मीठा रहा है. कई कंपनियों के लिए […]

जब भी कोई वर्ष खत्म होने के कगार पर होता है तो आमतौर पर यह सवाल उठता है कि क्या खोया क्या पाया? इस दार्शनिक सवाल से बाजार भी कहां बच पाता है. कार और मोटरसाइकिल निर्माता कंपनियों की बात करें, तो उनके लिए इस सवाल का जवाबकाफी खट्टा-मीठा रहा है. कई कंपनियों के लिए तो इस सवाल का जवाब कड़वा भी होगा. जहां पूरे साल बाजार दबाव में रहा, कंपनियां ग्राहकों को रिझाने के लिए तरह-तरह के आकर्षक ऑफर लेकर आ रही थीं. इस साल नये तरीके के लोन, पेमेंट स्कीम और गिफ्ट का सिलसिला चलाया गया, ये सोचते हुए कि ग्राहक आयेंगे, उनकी किस्मत चमका जायेंगे. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. इस साल को अगर हम देखें और ग्राहकों के मिजाज को पढ़ने की कोशिश करें तो एक ही लाइन में हम हिंदुस्तानी ग्राहकों को समझ सकते हैं- ‘वे आम गाड़ी खरीदेंगे नहीं, खास गाड़ी के लिए जान लड़ा देंगे.’ बिक्री के मामले में इस साल वाकई बाजार में बहुत मारामारी रही. लेकिन जो गाड़ियां किसी-न-किसी खास खूबी के साथ बाजार में आयीं, उनके लिए हमने वेटिंग लिस्ट को हफ्तों से महीनों में भी बदलते देखा है. इसे आराम से समझने के लिए फोर्ड की इकोस्पोर्ट का उदाहरण काफी है. इस साल कैसी रही ऑटो क्षेत्र की स्थिति और कैसी हो सकती है आनेवाले वर्ष की तसवीर, विस्तार से बता रहे हैं ऑटो एक्सपर्ट क्रांति संभव ..

केटीएम 390
इस मोटरसाइकिल ने भारतीय मोटरसाइकिल प्रेमियों को अब उस सेगमेंट में डाला है, जो शायद पहले आना चाहिए था. अपने पौने चार सौ सीसी इंजन और 43 बीएचपी की ताकत के साथ केटीएम 390 ने अलग सेगमेंट तैयार किया है. वो इसलिए भी, क्योंकि इसकी लगभग 2 लाख रुपये की कीमत ने इसे आम बाइकप्रेमियों के पास पहुंचाया है. साल का बड़ा लॉन्च ये कहलायेगी और आनेवाले वक्त में हम इसे और चमकते हुए देख सकते हैं.

होंडा सिटी नया अवतार
साल की शुरुआत में ही एक ऐसी कार आयेगी जो बतायेगी कि भारत में होंडा का क्या भविष्य होनेवाला है. अपनी अमेज के बाद कंपनी ने भारतीय कार मार्केट में अब दूसरा बड़ा दांव खेला है. नयी होंडा सिटी को प्रदर्शित कर दिया गया है और इसमें सबसे खास बात है सिटी का डीजल अवतार. कंपनी के मुताबिक यह सबसे किफायती कार साबित होनेवाली है. इसकी माइलेज 26 किमी/ लीटर की मापी गयी है. आपको याद होगा कि डीजल विकल्प की कमी की वजह से ही सिटी पिछड़ी थी और जब होंडा ने अमेज को डीजल इंजन के साथ लॉन्च किया था तभी से सिटी डीजल का इंतजार शुरू हो गया था. अब 14 जनवरी से जब ये बाजार में उपलब्ध होगी, तो देखना होगा की किस कीमत पर इसे होंडा उतारती है.

निसान टेरानो
छोटी एसयूवी सेगमेंट में इस एंट्री का इंतजार था. लोगों में इसके प्रति दिलचस्पी काफी थी. इसकी वजह यह थी कि आने से पहले ही इस कार के बारे में हमें आपको काफी कुछ पता था. दरअसल, ये रेनॉ की डस्टर ही होगी, कुछ बाहरी तब्दीलियों के साथ. जैसे कि इसकी कीमत डस्टर से ज्यादा होगी और यह भी कि इंजन विकल्प भी वही होंगे. तो सरप्राइजवाला एलिमेंट तो चला गया था, लेकिन इन सबके बीच हम इस इंतजार में थे कि जो ग्राहक डस्टर और इकोस्पोर्ट के लिए इंतजार करके परेशान हैं, उनके लिए टेरानो कैसा विकल्प होगी? वहां पर इसकी कीमत ने इसे थोड़ा और एक्सक्लूसिव बना दिया.

डटसन
वर्ष 2014 में यह कंपनी अपनी छोटी कार गो के साथ भारत में एंट्री मारेगी. निसान की ये ब्रांड पैसा वसूल कारों के लिए जानी जाती थी, जिसे कंपनी ने विकासशील मार्केट के लिए फिर से जीवित किया है. आपने डटसन गो की तस्वीरें तो देखी ही होंगी, जो देखने में आकर्षक और कांपेक्ट लग रही है. इसकी कीमत तीन लाख से शुरू हो सकती है. हालांकि, इस पर फैसला अभी नहीं हुआ है. कंपनी कोशिश में है कि इस कार के साथ एक नये तरीके के बाजार सेगमेंट को बनाया व बढ़ाया जाये. डटसन इसके अलावा लेकर आयेगी गो पर आधारित एक एमपीवी. इसी प्लैटफॉर्म को पूरी तरीके से कंपनी इस्तेमाल करना चाहती है और ग्राहकों में ज्यादा विकल्प देना चाहती है. इस ब्रांड की एंट्री निसान के लिए तो अहम है ही, हिंदुस्तानी कार मार्केट के लिए भी अहम है, क्योंकि हो सकता है इससे प्रतिस्पर्धा बढ़े और दूसरी कंपनियों को कीमत, किफायत और फीचर्स के मामले में नया करने के लिए मजबूर करे.

होंडा मोबीलियो
होंडा ने ब्रियो के प्लेटफॉर्म पर अब तीसरी सवारी को भारत लाने की तैयारी पूरी कर ली है. इसका नाम होगा मोबीलियो, जो मारुति की एर्टिगा को सीधी टक्कर देगी. छोटी एमयूवी है ये जो इनोवा से नीचे सेगमेंट में आयेगी. तीन कतार में सीटें. कार की कीमत भी एर्टिगा वाले सेगमेंट में रहने की उम्मीद है. इसके आने के बाद होंडा के लिए लड़ाई हो सकता है थोड़ी आसान हो जाये.

जीप
स्पोर्ट्स यूटिलिटी वेहिकल के मामले में भी साल 2014 काफी दिलचस्प रहनेवाला है. एक तो फिएट अपनी क्राइसलर की जीप ब्रांड को भारत ला रही है. अब जीप ग्रैंड चेरोकी जैसे नाम ऐसे हैं, जो असल जीप या एसयूवी प्रेमियों के लिए खास हैं. देखना होगा कि इन जीपों के लिए भारतीय ग्राहक कितनी दिलचस्पी दिखाते हैं और क्या फिएट के लिए भारत में किस्मत बदलती है या नहीं.

छोटी हार्ली
हार्ली ने इस साल अपने इमेज को बदलते हुए वो किया जिसका अंदाजा बहुत कम लोगों को था. अपनी भारी भरकम मोटरसाइकिलों, बड़े इंजन और दमदार आवाज के लिए जानी जानेवाली कंपनी ने एक अलग तरीके की छलांग लगायी है. एक नये तरीके के सेगमेंट और बाजार में अपने नये इंजन के साथ. इस साल हार्ली डेविडसन अपने सबसे छोटे इंजन से भी छोटा इंजन लेकर आयी. 500 और 750 सीसी. इन दोनों इंजन के साथ दुनिया के बिलकुल नये बाजारों में कंपनी अपनी पकड़ बनाना चाहती है और भारत से इसका खास रिश्ता रहेगा. क्योंकि पहली बार हार्ली बाइक्स का पूरा प्रोडक्शन अमेरिका से बाहर होनेवाला है. वो होगा भारत में, जहां भारत और यूरोपियन मार्केट के लिए हार्ली की स्ट्रीट 500 और 750 का प्रोडक्शन होगा. ये भी आपने सुन ही लिया होगा कि कंपनी पहले तो भारत में स्ट्रीट 750 लायेगी. जब ये आयेगी तो पांच लाख से कम में आयेगी. इसका मतलब कि जब स्ट्रीट 500 लांच होगी तो उसकी कीमत इससे भी कम ही होगी. इसे बाइकप्रेमियों की चांदी ही कहेंगे.

होंडा अमेज
होंडा के खेत से सूखा हटा और आखिरकार डीजल की फसल लहलहाई. ग्राहक इस कार के लिए लाइन लगा कर खड़े होने को तैयार थे. एक तो होंडा का ब्रांड और ऊपर से महंगाई से बचने के लिए डीजल विकल्प, सबसे किफायती प्रदर्शनवाला इंजिन. इन सब कांबिनेशंस के साथ ग्राहकों ने कंपनी को हाथोंहाथ लिया. अमेज भी कांपिटीटिव कीमत के साथ आयी. बहुत से फ्रंट पर पहले से टिकी हुई मारुति डिजायर को पछाड़ा और फिर ग्राहकों की लाइन लग गयी. ग्राहकों की यह लाइन होंडा के कांफिडेंस को बढ़ाने के लिए काफी थी, लेकिन लाइन बढ़ती गयी और दर्द बढ़ता गया. ये दर्द था इंतजार का. हफ्तों की वेटिंग जब महीनों में बदल गयी तो मामला वाकई दर्दनाक हो गया. ग्राहक हताश हुए और निराश भी हुए. कंपनी अब प्रोडक्शन को बढ़ाने की कोशिश में है.

ह्युंडै ग्रैंड आइ 10
अब इस कार का जिक्र दोनों एक्सट्रीम के बीच के तजुर्बे के तौर पर करेंगे. एक एक्सट्रीम तो इकोस्पोर्ट और अमेज बनाती हैं, जहां पर खूब बिक्री हुई. ग्राहकों को गाड़ी पाने के लिए महीनों का इंतजार भुगतना पड़ रहा था. दूसरा सिरा बाजार का वह छोर है, जहां कंपनियां ग्राहकों का इंतजार कर रही थीं, कोई बाजार में आ ही नहीं रहा था. इनके बीच ह्युंडै का ग्रैंड प्लान अच्छा खासा ग्रैंड रहा. अब ये कार किसी भी एंगल से एक्सक्लूसिव या नयी नहीं थी. पुरानी आइ 10 में ही कई तब्दीलियां की गयी थीं, लेकिन ये तब्दीलियां ऐसी थीं जो बहुत प्रैक्टिकल रहीं. जगह बढ़ाने से लेकर फीचर्स की लिस्ट लंबी करने तक. ऐसे में इस कार ने भी अच्छा प्रदर्शन किया. साथ में, पहली बार इसमें ह्युंडै अपना डीजल इंजन लायी.

ट्रायंफ मोटरसाइकिलें
मोटरसाइकिलों में तो इनका जिक्र शायद कुछ ज्यादा ही हो चुका है. लेकिन फिर भी एक बार जब साल के बड़े लॉन्च की लिस्ट का जिक्र कर रहे हैं, तो इनका जिक्र भी जरूरी है. अगर आपकी दिलचस्पी हार्ली जैसी मोटरसाइकिलों में है, एनफील्ड को भी आप पसंद करते हैं, तो फिर यहां पर आप इस कंपनी पर नजर डाल सकते हैं. कुछ क्लासिक स्पोर्टी बाइक्स और कुछ भारी भरकम क्रूजर. साथ में, टूरिंग और सुपरस्पोर्ट्स बाइक भी. इतना जिक्र इसलिए हुआ, क्योंकि काफी वक्त लगा दिया भारत में लॉन्च करने में. यानी ऐलान और असल लॉन्च के बीच यही खबर चलती रही कि अब आयी तब आयी. लेकिन अपने बड़े और अलग तरीके के प्रोडक्ट के साथ कंपनी बहुत सारे विकल्प देती है बाइकर्स को, जो अब तक मोटे तौर पर फंसे थे, क्रूजर और स्पोर्ट्स बाइक के बीच. अब थोड़े दिनों में ये साफ हो पायेगा कि कंपनी आफ्टर सेल्स और सर्विस में कैसा प्रदर्शन कर रही है, क्योंकि अगर वहां पर कंपनी ने बाजी मारी तो फिर रेंज और कीमत के हिसाब से ये जल्द बढ़िया पैकेज बन सकते हैं.

फोर्ड इकोस्पोर्ट
लग तो हम सभी को रहा था कि फोर्ड इस गाड़ी को भारत में लॉन्च करने में बिना मतलब वक्त जाया कर रही है. हम कंपनी से पूछ रहे थे कि अगर ग्राहकों में कार को लेकर ऐसी दिलचस्पी है, जिसे अंगरेजी में कहते हैं ‘हाइप क्रिएट’ हो गया है, तो फिर कंपनी इकोस्पोर्ट को लाने में देर क्यों कर रही है. क्यों नहीं कंपनी इकोस्पोर्ट को लांच करके डस्टर को पटखनी देती है. लेकिन साल के आखिर तक लगा कि शायद फोर्ड इसे और देरी से भी लाती तो बहुत फर्क नहीं पड़ता. एक तो इस लेवल के कांपिटीशन में कोई और कार आयी नहीं और ऊपर से फोर्ड को शायद अपने प्रोडक्शन को बढ़ाने का और वक्त मिल गया. क्योंकि आपको याद होगा कि इस कार को लेकर ग्राहकों की दिलचस्पी ऐसी थी कि लांच के साथ आधे महीने में 30 हजार के आसपास बुकिंग हो गयी थी. गाड़ी के रिस्पांस ने तहलका तो मचाया, लेकिन पिछले काफी वक्त से ग्राहक जो इस कार को पसंद कर रहे हैं, वे आमिर खान की तरह गा रहे हैं कि वे चाहते तो किसी और को हैं, लेकिन उनका प्यार अब कोई और है. मतलब ये कि पसंद भले ही इकोस्पोर्ट हो, लेकिन वे दूसरी कारें खरीद रहे हैं, क्योंकि गाड़ी उपलब्ध ही नहीं है. महीनों का इंतजार और ऊपर से कोई गारंटी नहीं कि कार तय वक्त पर मिलेगी भी या नहीं. ऐसे में दूसरी छोटी एसयूवी और सेडान कारों की ओर वे मुड़ रहे हैं. बावजूद इसके साल के सबसे बड़े लॉन्च के तौर पर हम इसी कार को देखेंगे. कम कीमत में एक एसयूवी देने का वायदा ग्राहकों को भा गया था.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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