नयी दिल्ली : सरकार भावी उद्यमियों के लिए कारोबार शुरूकरने एवं उससे बाहर निकलने को आसान बनाने पर काम कर रही है ताकि भारत में स्टार्टअप वातावरण को प्रोत्साहन मिल सके. केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यह बात कही.
सीतारमण ने यहां ‘स्टार्टअप इंडिया’ सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं जानती हूं कि जितना एक स्टार्टअप शुरूकरना महत्वपूर्ण है, उतना ही उससे बाहर निकलना भी महत्वपूर्ण है. सरकार निकासी को भी आसान बनाने पर काम कर रही है.’ उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रीअरुण जेटलीदिवाला संहिता पर ‘कडी मेहनत’ के साथ काम कर रहे हैं. दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता 2015 के तहत दिवाला एवं संकटग्रस्त कंपनियों के लिए एक आसान निकासी का विकल्प उपलब्ध कराया गया है. इस संहिता को आगे जांच के लिए सांसदों की 30 सदस्यीय संयुक्त समिति के पास भेजा गया है.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सीतारमण ने कहा, ‘‘मुझे पक्का विश्वास है कि इन उपायों से हम स्टार्टअप्स के लिए सही चीजें कर रहे हैं ताकि वे भारत में बने रहें और उन्हें कहीं और जाने पर विचार न करना पडे.’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह देखना है कि कितने बेहतर ढंग से हम अड़चनोंको दूर कर सकते हैं ताकि आप जटिलताओं के बारे में सोचने के बजाय अपने कारोबार पर ध्यान केंद्रित करें.’
मंत्री ने कहा कि सरकारी नौकरियां तलाशने वाले युवाओं की संख्या तेजी से घट रही है और रोजगार उपलब्ध कराने वाले लोग वास्तव में आगे बढ रहे हैं.
‘‘अब उद्यमशीलता कोजुगाड़के नाम से बदनामी नहीं झेलनी पड़ रही, भारतीय खुद को साबित करने के लिए आगे आए हैं और उन्होंने खुद को साबित किया है.’ इस कार्यक्रम में औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग के सचिव अमिताभ कांत ने कहा कि ‘‘स्टार्टअप इंडिया’ पहल से युवाओं को नौकरी तलाशने वाले से नौकरी देने वाले में तब्दील करने में मदद मिलेगी.कांत ने कहा कि भारतीय स्टार्टअप व्यवस्था नेउड़ानभरी है और देश में जल्द ही बडी संख्या में युवाओं को ऐसे उद्यमों में शामिल होते देखा जाएगा. इस मौके पर विश्वबैंक के कंटरी निदेशक ओनो रहल ने कहा, ‘‘हम स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने के सरकार के प्रयासों का समर्थन करेंगे. ‘
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