मुंबई : पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने अगले साल एक अप्रैल से प्राकृतिक गैस के दाम दोगुने करने के फैसले को वापस लेने की संभावना को मंगलवार को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि इस बारे में अधिसूचना शीघ्र ही जारी की जायेगी.
मोइली ने कहा कि निश्चित रूप से, प्राकृतिक गैस की कीमतों में वृद्धि के फैसले को बदलना या इसे वापस लेने का कोई सवाल नहीं है. उन्होंने कहा कि नये कीमत फार्मूले के कार्यान्वयन के संबंध में अधिसूचना शीघ्र ही जारी की जायेगी. पेट्रोलियम मंत्रालय का यह बयान ऐसे समय में आया है जबकि सुप्रीम कोर्ट भाकपा नेता गुरुदास दासगुप्ता द्वारा एक जनहित याचिका की सुनवाई कर रहा है. जिसमें सरकार के कीमतें बढ़ाने का फैसला अर्थव्यवस्था विशेषकर बिजली तथा उर्वरक क्षेत्रों पर इसके प्रतिकूल प्रभावों को ध्यान में रखे बिना ही किया है. मोइली ने कहा कि उपयोक्ता उद्योगों से सब्सिडी के लिए बढ़ती मांग कीमत वृद्धि की राह में नहीं आयेगी.
* सब्सिडी : संबद्ध मंत्रालयों का काम
मोइली से जब यह पूछा गया कि क्या उन्हें अप्रैल 2014 तक इस मुद्दे पर जरूरी सहमति बनने की उम्मीद है तो उन्होंने कहा कि हम इस बात पर कायम हैं कि सभी उद्योगों तथा घरेलू इस्तेमाल के लिए शहरी गैस वितरण कंपनी जैसे अन्य उपयोक्ता क्षेत्रों के लिए गैस की समान कीमत प्रणाली होगी. सब्सिडी फार्मूला तय करना संबद्ध मंत्रालयों तथा उद्योगों का काम है और हमारी इसमें कोई भूमिका नहीं. उन्होंने कहा कि नयी कीमत सार्वजनिक व निजी सहित सभी कंपनियों तथा सभी तरह की गैस पर लागू होती होगी.
* 15 दिनों में हल होगा बैंक गारंटी मामला
पेट्रोलियम मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने मंगलवार को कहा कि उन्हें भरोसा है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआइएल) से 13.5 करोड़ डॉलर की बैंक गारंटी हासिल करने के मामले को अगले एक पखवाड़े में सुलझा लिया जायेगा ताकि कंपनी अगले साल एक अप्रैल से गैस की ज्यादा कीमत वसूल सकेगी. यह पूछे जाने पर कि क्या इस विवादित मसले को सुलझाने के लिए कोई समयसीमा तय करेंगे, मोइली ने कहा कि प्रस्तावित बैंक गारंटी से जहां सरकार का हित सुरक्षित होगा वहीं गैस की ज्यादा कीमत से आरआइएल के हितों की भी सुरक्षा होगी. यदि गैस जमाखोरी का आरोप सही हुआ तो ऐसी स्थिति में बैंक गारंटी को भुना लिया जायेगा और उसपर एक अप्रैल से आरोप साबित होने की तारीख तक की अवधि का ब्याज भी लिया जायेगा.
* सीसीइए का फैसला
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीइए) ने 27 जून को सी रंगराजन समिति द्वारा सुझाये गये नये कीमत फामरूले का कार्यान्वयन करने का फैसला किया था. सरकार इस बात पर बहस कर रही है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज को नयी कीमत देनी चाहिए क्योंकि ऐसी राय है कि कंपनी अगले साल अप्रैल से बढ़ी कीमतों को फायदा उठाने के लिए जानबूझकर कम उत्पादन कर रही है. कंपनी के केजी-डी6 कुओं से उत्पादन में भारी गिरावट आयी है.
* डी1 और डी3 गैस क्षेत्र का 10वां कुआं बंद
रिलायंस इंडस्ट्रीज लि ने पूर्वी अपतटीय केजी-डी6 ब्लाक के मुख्य गैस क्षेत्र के एक और कुएं को बंद कर दिया. पानी घुसने की वजह से कंपनी को यह कदम उठाना पड़ा है. इससे इस क्षेत्र का उत्पादन घट कर अपने अब तक के निचले स्तर 87.3 लाख घनमीटर प्रतिदिन पर आ गया है. हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच) की स्थिति रिपोर्ट के अनुसार कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इसी महीने अपने मुख्य धीरुभाई एक व तीन ब्लाक में सात नंबर का कुआं कम दबाव व पानी अधिक निकलने की वजह से बंद किया है. बी-7 दसवां कुआं है जिसे कंपनी को 2010 के अंत से लेकर अभी तक बंद करना पड़ना है. पानी और मिट्टी की वजह से इन कुओं से गैस उत्पादन कठिन हो गया है.
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