मुंबई : भारतीय स्टेट बैंक की नवनियुक्त चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने आज कहा कि बैंक के फंसे कर्ज की राशि को नियंत्रण में लाना उनकी पहली प्राथमिकता होगी. उन्होंने बैंक प्रणाली में दबाव को कम करने के लिये सूचना प्रौद्योगिकी उपायों का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया.
अरुंधति भट्टाचार्य ने चेयरपर्सन के तौर पर आज शाम यहां संवाददाताओं के साथ पहली बातचीत में कहा ‘‘कर्ज में फंसी राशि यानी एनपीए के बारे में कोई शंका नहीं है कि यही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. जब तक इस क्षेत्र में दबाव बना रहेगा . यह हमारी प्राथमिकता बनी रहेगी।’’ उन्होंने अपने पूर्ववर्ती प्रतीप चौधरी के एनपीए के खिलाफ लड़ाई छेड़ने की बात की प्रशंसा करते हुये कहा कि कोई भी यह नहीं कह सकता कि इस मामले में अब लड़ाई समाप्त हो चुकी है. हम इसे और तेजी तथा गंभीरता से आगे बढ़ायेंगे.
देश के इस सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक का एनपीए बढ़कर 5.56 प्रतिशत पर पहुंच गया है जो कि दूसरे बैंकों की तुलना में काफी उंचा है. भट्टाचार्य (57) ने कहा कि वह बैंक एनपीए आंकड़ों को नीचे लाने के लिये सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक इस्तेमाल करेंगी. भट्टाचार्य ने कल ही देश के इस 207 वर्ष पुराने बैंक की कमान संभाली। इस पद पर बैठने वाली वह पहली महिला हैं.
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