मुंबई: भारतीय पूंजी बाजार में विदेशी निवेश के लिए नई प्रणाली की पहल करते हुए विदेश पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) संबंधी नये नियमों की घोषणा आज की ताकि इस तरह की इकाइयों के लिए आसान पंजीकरण प्रक्रिया तथा परिचालन खाका स्थापित किया जा सके. निवेशकों की इस नई श्रेणी एफपीआई में सभी विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई), उनके उप खाते तथा पात्र विदेशी निवेशक (क्यूएफआई) शामिल होंगे तथा इन्हें तीन श्रेणियों में बांटा जाएगा.
यह विभाजन उनके जोखिम प्रोफाइल के हिसाब से होगा. एफपीआई के लिए अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी) जरुरतें तथा अन्य पंजीकरण प्रक्रियाएं मौजूदा प्रक्रिया की तुलना में काफी सरल होंगी. सेबी ने इन्हें स्थायी पंजीकरण भी देने का फैसला किया है जबकि मौजूदा व्यवस्था में भारतीय बाजार में निवेश चाहने वाली विदेशी फर्मों को एक साल या पांच साल के लिए मंजूरी दी जाती है. सेबी के निदेशक मंडल की बैठक आज हुई जिसमें नये सेबी ( विदेशी पोर्टफोलियो इन्वेस्टर) नियमन, 2013 को मंजूरी दी गई. सेबी बोर्ड की बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया है एफआईआई तथा क्यूएफआई के लिए मौजूदा नियमों के प्रावधान को ध्यान में रखते हुए नये नियम तय किए गए हैं. इसके अलावा पूर्व कैबिनेट सचिव केएम चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों को भी ध्यान में रखा गया है.
नये नियमों के तहत एफआईआई, उप खाते (सब एकाउंट्स) तथा क्यूएफआई को एक एक कर इस नई निवेशक श्रेणी में मिला दिया जाएगा जो कि एफपीआई के नमा से जारी जाएगी. इसके साथ ही सेबी ने डेजीगनेटेड डिपाजिटरी पार्टिसिपेंट्स (डीडीपी) की स्थापना को भी मंजूरी दी है जो कि बाजार नियामक की ओर से एफपीआई का पंजीकरण करेगी.
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