नयी दिल्ली : रक्षा क्षेत्र में 2500 करोड रुपये की परियोजना मिलने से उत्साहित स्टरलाइट टेक्नोलाजीज की अब इस क्षेत्र में 7,000 करोड रुपये मूल्य के एक और रणनीतिक सौदे पर निगाह है. प्रवासी भारतीय उद्योगपति अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाली यह आप्टिकल फाइबर विनिर्माण कंपनी जम्मू कश्मीर में रक्षा संस्थानों को हाइस्पीड आप्टिकल फाइबर से जोडने के काम में भी लगी है. स्टरलाइट टेक्नोलाजीज के गैर कार्यकारी चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा, ‘हम अन्य रक्षा परियोजनाओं के लिए भी प्रयास कर रहे हैं. हमारे पास 2,500 करोड रुपये की एक परियोजना पहले ही है, जो कि वस्तुत: एक सैन्य परियोजना है. हमने 7,000 करोड रुपये की एक और सैन्य परियोजना के लिए बोली लगाई है.’ वेदांता रिसोर्सेज के चेयरमैन अग्रवाल ने कहा कि कंपनी रक्षा क्षेत्र को लेकर उत्साहित है. कंपनी के सीइओ आनंद अग्रवाल ने कहा कि स्टरलाइट अत्याधुनिक आप्टिक्ल फाइबर बनाती है जो कि वैश्विक स्तर पर श्रेष्ठ प्रतिस्पर्धा कर सकती है.
उन्होंने कहा, ‘हमारा मूल्य प्रस्ताव वैश्विक स्तर पर सबसे बेहतर में से एक है. इससे भी अधिक, हम ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम की जरुरतों को पूरा करते हैं.’ स्टरलाइट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी भारतनेट परियोजना के लिए भी सबसे बडी प्रदाता है. इस परियोजना से सरकार पर 72,000 करोड रुपये का बोझ आने की संभावना है.
अनिल ने कहा कि कंपनी आप्टिक्ल फाइबर विनिर्माण, नेटवर्क क्रिएटर, नेटवर्क डिजाइनर, नेटवर्क प्रबंधक की भूमिका निभायेगी. ‘इसके साथ ही हम आप्टिक्ल फाइबर बनाएंगे जो कि बडा कारोबार है. हम इस डिजिटल इंडिया के बडे नेटवर्क को देख रहे हैं जिसका 60-70 प्रतिशत बनाया जाना है.
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