नयी दिल्ली : कंपनियों में निदेशकों के प्रदर्शन की मूल्यांकन की प्रणाली प्रभावशाली हो यह सुनिश्चित करने के लिए ‘सोच में बदलाव’ की आवश्यकता है. सेबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही. कंपनी अधिनियम 2013 और सेबी नियमों के अनुसार कंपनियों को अपने निदेशक मंडल में शामिल निदेशकों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करना होता है.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पूर्णकालिक सदस्य प्रशांत सरन ने कहा, ‘निदेशकों के कार्य प्रदशर्न का मूल्यांकन प्रभावी हो इसके लिए ‘सोच बदलने की आवश्यकता’ है.’ उन्होंने कहा, ‘पहली बात तो यह स्पष्ट किया जाना होगा कि पूरी प्रक्रिया किसी के प्रति कोई राय बनाना नहीं है.
इसके पीछे किसी का मकसद किसी पर दोषारोपण अथवा प्रशंसा करना नहीं है.’ सरन यहां इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेकट्ररीज ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक सेमिनार को संबोधित कर रहे थे. सेबी के पूर्व चेयरमैन एम. दामोदरन ने कहा था कि कंपनियों के निदेशक मंडल का मूल्यांकन को सही-गलत का निशान लगाने जैसी गतिविधि नहीं बनाया जाना चाहिए.
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