नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने आज कहा कि रुपये में आज रही जोरदार गिरावट की वजह ‘तर्कहीन धारणा’ है और इसको लेकर घबराने की जरुरत नहीं है. आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह तर्कहीन धारणा है. यह अपने आप सुधर जाएगी. घबराने की जरुरत नहीं है.’’
कारोबार के दौरान आज रुपया 68.75 प्रति डालर के नए निचले स्तर पर आ गया था. अप्रैल से रुपये का मूल्य करीब 20 फीसद घट चुका है. देश के बढ़ते चालू खाते के घाटे (कैड), अर्थव्यवस्था में नरमी तथा पूंजी के बाह्य प्रवाह से रुपया नीचे आ रहा है. सीरिया के खिलाफ संभावित अमेरिकी सैन्य कार्रवाई से एशियाई कारोबार में कच्चा तेल चढ़ गया. मायाराम ने कहा कि चालू खाते का घाटा उम्मीद से कहीं कम रहेगा.
उन्होंने कहा, ‘‘कैड उम्मीद से कहीं कम रहेगा. इसमें कुछ गिरावट दिखनी शुरु हो गई है.’’ वित्त वर्ष 2012-13 में चालू खाते का घाटा 88.2 अरब डालर यानी सकल घरेलू उत्पाद के 4.8 प्रतिशत की रिकार्ड उंचाई पर पहुंच गया था. सरकार ने चालू वित्त वर्ष में इसे 70 अरब डालर पर सीमित रखने का लक्ष्य रखा है.
मायाराम ने कहा कि सरकार का मुद्रा बाजार में डेरिवेटिव के कारोबार पर प्रतिबंध का इरादा नहीं है. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के कदम से सटोरिया गतिविधियों पर अंकुश पाया जा सकता है.
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