मुंबई : बेमौसम वर्षा और ओलावृष्टि से फसलों को हुये नुकसान को देखते हुये इसके बीमा दावे 100 करोड रुपये से अधिक हो सकते हैं. यह बात आज कृषि बीमा कंपनी (एआइसी) ने कही. फसल बीमा कंपनी एआइसी के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने कहा ‘हम फिलहाल बेमौसम बरसात से फसलों को हुये नुकसान के दावों का आकलन करने में लगे हैं. हमारा मानना है कि दावे का आंकडा 100 करोड रुपये से अधिक हो सकता है.’
चौधरी ने कहा कि जहां तक फसल बीमा दावों की बात है इसमें उत्तर प्रदेश सबसे उपर रह सकता है. एआइसी की बुंदेलखंड के सिर्फ 13 जिलों में मौजूदगी है और यहां से 25 करोड रुपये के दावों को देख रहा है. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2014-15 में कंपनी ने 5,167.58 करोड रुपये के दावों का निपटान किया और 2,750 करोड रुपये की बीमा प्रतिबद्धता प्रीमियम में है.
वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान बीमा दावों के निपटान में एआइसी के लिहाज से मध्य प्रदेश शीर्ष पर रहा और कंपनी को केवल इसी राज्य में ही 2,000 करोड रुपये का भुगतान करना पडा. इसके बाद तमिलनाडु (800 करोड रुपये), आंध्रप्रदेश (400 करोड रुपये) और उत्तर प्रदेश (270 करोड रुपये) का स्थान रहा.
निजी क्षेत्र के सबसे बडी साधारण बीमा कंपनी आइसीआइसीआइ लोंबार्ड ने 2014-15 के दौरान करीब 500 करोड रुपये के वादे का बीमा किया है.बेमौसमी वर्षा के दावों के बारे में दत्ता ने कहा सबसे पहले राज्य सरकार इसका आकलन करती है और उसके बाद दावा निपटान का काम शुरू हो जाता है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो दिन पहले ही बीमा कंपनियों से कहा था कि वे फसल नुकसान से जुडे दावों को पूरी सक्रियता से निपटायें.
छत्तीसगढ, ओडिशा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, बिहार, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा में बेमौसम वर्षा से फसल को नुकसान हुआ है और इन राज्यों में गेहूं, ज्वार, रेपसीड, सरसों, दालों और चने की फसल को नुकसान का अनुमान है. दत्ता ने कहा कि वर्तमान में 2014-15 के दौरान फसलों को हुये नुकसान का अनुमान केवल बीमा कंपनी के क्षेत्रीय कार्यालयों में राज्य सरकारों से प्राप्त शुरुआती रिपोर्टों के आधार पर ही लगाया जा सकता है.
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