मुंबई : इस साल जनवरी-मार्च के दौरान बांड की बिक्री 14.9 अरब डालर पहुंच गयी जो एक साल पहले इसी अवधि के मुकाबले 29.9 प्रतिशत अधिक है. वर्ष 2013 के बाद किसी एक तिमाही में बांड की बिक्री सर्वाधिक है. उस समय कंपनियों ने बांड के जरिये 21.4 अरब डालर जुटाये थे.
थॉमसन रायटर के आंकडों के अनुसार अमेरिकी डालर मूल्य में अंकित बांड बाजार जनवरी-मार्च, 2015 में 3.1 अरब डालर पहुंच गया जो एक वर्ष पूर्व इसी अवधि की तुलना में 52.6 प्रतिशत अधिक है. इसमें रिलायंस इंडस्टरीज सबसे आगे रही जिसने जनवरी में 10 साल की परिपक्वता अवधि वाले अमेरिकी डालर में अंकित बांड के जरिये 4.125 प्रतिशत ब्याज पर 99 करोड डालर जुटाये.
इसके कुछ सप्ताह बाद ही रिलायंस इंडस्टरीज ने फिर 30 साल की मियाद वाले बांड बिक्री से 74.15 करोड डालर से अधिक जुटाये. रुपये के मूल्य वाले बांड के मामले में पावर फाइनेंस कारपोरेशन ने 4,440 करोड रुपये, ग्रामीण विद्युतीकरण निगम ने 2,325 करोड रुपये तथा पावर ग्रिड कारपोरेशन से 2,580 करोड रुपये जुटाये.
रुपये के मूल्य वाले बांड का बाजार जनवरी-मार्च तिमाही में 76,820 करोड रुपये का पहुंच गया जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 33.3 प्रतिशत अधिक है.
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