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एफडीआई नियमों को उदार बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी

नयी दिल्ली: सरकार न अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये एफडीआई नियमों को आज और उदार बनाया. इसके तहत दूरसंचार क्षेत्र के अलावा विभिन्न क्षेत्रों में एफडीआई नियमों को उदार बनाये जाने को आज मंजूरी प्रदान की गयी. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में 16 जुलाई को हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में विभिन्न क्षेत्रों […]

नयी दिल्ली: सरकार न अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये एफडीआई नियमों को आज और उदार बनाया. इसके तहत दूरसंचार क्षेत्र के अलावा विभिन्न क्षेत्रों में एफडीआई नियमों को उदार बनाये जाने को आज मंजूरी प्रदान की गयी.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में 16 जुलाई को हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में विभिन्न क्षेत्रों में विदेशी निवेश नियमों में ढील देने का निर्णय किया गया था और आज मंत्रिमंडल ने इन प्रस्तावों को औपचारिक तौर पर मंजूरी दे दी.

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आज हुई बैठक में बहु.ब्रांड खुदरा कंपनियों के लिए 30 प्रतिशत स्थानीय खरीद नियमों में ढील दी गई. साथ ही अब राज्य सरकारें 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों में भी बहु.ब्रांड खुदरा कंपनियों को अपने स्टोर्स खोलने की अनुमति दे सकेंगी.

मंत्रिमंडल द्वारा किए गए निर्णयों के बारे में जानकारी देते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि बहु.ब्रांड खुदरा नियमों में ढील दिए जाने से निवेशकों के लिये चीजें और स्पष्ट होंगी और निवेश की गुंजाइंश बढ़ेगी. हालांकि, उन्होंने बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढ़ाने के संदर्भ में कुछ नहीं कहा. पिछले महीने अंतर.मंत्रलयी समूह बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने पर सहमत हुआ था.

आनंद शर्मा ने कहा कि मंत्रिमंडल ने कमोबेश उन निर्णयों को मंजूरी दी है जो 16 जुलाई को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई अंतर.मंत्रलयी समूह की बैठक में किए गए थे. उन्होंने कहा कि वालमार्ट और टेस्को जैसी बहु.ब्रांड खुदरा कंपनियों को कारोबार शुरु करते समय ही छोटे व मझोले उद्यमियों से उत्पादों की खरीद करनी होगी.

शीत गृह जैसे सहायक सुविधाओं में निवेश के बारे में उन्होंने कहा कि निवेशक को पहले सौदे में ही 5 करोड़ डालर का निवेश करने की अनिवार्यता होगी. इसके बाद, निवेश कारोबार की जरुरतों पर निर्भर करेगा.

शर्मा ने कहा कि आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम समिति की सिफारिशें कमोबेश स्वीकार कर ली गई हैं. हमें इससे एफडीआई प्रवाह बढ़ने की उम्मीद है और विदेशी निवेशकों को भारतीय विदेशी निवेश नीति में अधिक भरोसा होगा. उन्होंने कहा, मैं निश्चित तौर पर सोचता हूं कि इसका चालू वर्ष में विदेशी मुद्रा प्रवाह पर सकारात्मक असर होगा.सुधारों का यह दूसरा दौर 10 महीनों के भीतर आया है. उस समय सरकार ने बहु.ब्रांड खुदरा एवं नागर विमानन जैसे क्षेत्रों में विदेशी निवेश के लिए द्वार खोले थे.

बहु.ब्रांड खुदरा क्षेत्र के लिए नियमों में ढील देने के प्रस्ताव के बारे में जानकारी देते हुए शर्मा ने कहा, सहायक ढांचे में एफडीआई का 50 प्रतिशत खर्च करने की शर्त निवेश की 10 करोड़ डालर की पहली किस्त पर लागू होगी. उसके बाद, निवेशक तथा उनके सहयोगी बाजार स्थिति के अनुसार फैसला करेंगे. उन्होंने कहा, बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश के मामले में सभी राज्यों को 10 लाख की आबादी वाले शहरों के अलावा दूसरे शहर शामिल करने की भी अनुमति होगी.

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