नयी दिल्ली: मौद्रिक नीति समीक्षा में यथा स्थिति बने रहने के बीच उद्योग जगत ने उम्मीद जतायी कि बजट के बाद नीतिगत दर में कटौती का दौर शुरु होगा. उद्योगों ने सरकार तथा केंद्रीय बैंक से कहा है कि वह बैंकों को ब्याज दरें कम करने के लिये कहें.पिछले महीने रेपो दर में आश्चर्यजनक रुप से 0.25 प्रतिशत कटौती के बाद रिजर्व बैंक ने दो महीने पर होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर को 7.75 प्रतिशत पर बरकरार रखा.
उद्योग मंडल सीआईआई के अध्यक्ष अजय श्रीराम ने कहा कि रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की और कटौती किये जाने से धारणा और मजबूत होती और बाजार में यह संदेश जाता कि नीतिगत ब्याज दर में कटौती की प्रक्रिया जारी है.
उन्होंने कहा कि सीआईआई को उम्मीद है कि रिजर्व बैंक अगली मौद्रिक नीति समीक्षा में परिस्थितियों के अनुकूल मौद्रिक नीति का रुख अपनायेगा और निवेश को गति देने के लिये काम करेगा.
वाणिज्य एवं उद्योग मंडल फिक्की के वक्तव्य में कहा गया है कि 2015 में दरों में और 0.75 प्रतिशत तक कटौती की जरुरत लगती है. इस कटौती का लाभ बैंकों द्वारा उद्योगों को कम ब्याज दरों के रुप में दिया जाना चाहिये ताकि निरंतर आर्थिक वृद्धि को बढावा दिया जा सके.
फिक्की की अध्यक्ष ज्योत्सना सूरी ने कहा, ‘‘.रिजर्व बैंक स्पष्ट रुप से राजकोषीय मजबूती के उपायों को देख रहा है जिसकी घोषणा आगामी बजट में की जाएगी. हमें उम्मीद है कि रेपो दर में कटौती का चक्र 2015-16 के लिये आम बजट पेश होने के बाद फिर शुरु किया जायेगा.’’ वित्त मंत्री अरुण जेटली नई सरकार का पहला पूर्ण बजट 28 फरवरी को पेश करेंगे.
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