नयी दिल्ली: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकार (ट्राई) ने प्रसारण क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सीमा के बारे में संबंधित पक्षों की राय जानने के लिये आज एक परामर्श पत्र जारी किया.
इससे पहले, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने ट्राई से प्रसारण क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढ़ाये जाने के मुद्दे की समीक्षा करने को कहा था. परामर्श पत्र में ट्राई ने प्रसारण क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढ़ाये जाने के बारे में सलाह मांगी है. उसने कहा कि प्रसारण सेवाओं को कैरेज सेवाओं तथा सामग्री सेवाओं में रखा जा सकता है.
ट्राई ने कहा कि प्रसारकों को कैरेज सेवा और सामग्री सेवा तैयार करने जैसे समूहों में बांटा जा सकता है. इसमें कहा गया है कि कैरेज की सीमा अभी 74 प्रतिशत है जिसमें 49 प्रतिशत से अधिक विदेशी निवेश एफआईपीबी के माध्यम से होना होता है.
परामर्श पत्र के अनुसार, सरकार दूरसंचार सेवाओं में एफडीआई की सीमा को 100 प्रतिशत करने की संभावना पर विचार कर रही है जिसमें एफआईपीबी के माध्यम से 49 प्रतिशत से अधिक एफडीआई की अनुमति होती है.
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