नयी दिल्ली : चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह में कुल प्रत्यक्ष कर संग्रहण 12.93 प्रतिशत बढकर 5.46 लाख करोड रुपये पर पहुंच गया. हालांकि, प्रत्यक्ष कर संग्रहण में दर्ज की गई वृद्धि अभी भी इसके लिये तय 16 प्रतिशत वृद्धि के लक्ष्य से कम रही है. पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर अवधि में सरकार ने 4.84 लाख करोड रुपये का प्रत्यक्ष कर संग्रह किया था. इस साल के बजट में प्रत्यक्ष कर संग्रहण से 7.36 लाख करोड रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है.
वित्त वर्ष के पहले नौ माह में कारपोरेट कर संग्रहण 12.79 प्रतिशत बढकर 3.50 लाख करोड रुपये पर पहुंच गया. पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 3.10 लाख करोड रुपये रहा था. इसी तरह व्यक्तिगत आयकर संग्रह 12.62 प्रतिशत बढकर 1.90 लाख करोड रुपये रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 1.69 लाख करोड रुपये रहा था. प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) का संग्रहण इस दौरान 43.44 प्रतिशत बढकर 4,940 करोड रुपये रहा. हालांकि, शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में वृद्धि की रफ्तार कम यानी 7.41 प्रतिशत रही.
यह 4.48 लाख करोड रुपये रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 4.17 लाख करोड रुपये रहा था. अधिक, रिफंड की वजह से शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रहण की वृद्धि की रफ्तार कम रही. वित्त मंत्री अरुण जेटली भी भारी संख्या में दिये गये रिफंड का जिक्र करते रहे हैं. सरकार ने यह भी कहा है कि चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों के जरिये वास्तविक कर संग्रह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि और वर्ष के शेष हिस्से में अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा. सरकार ने चालू वित्त वर्ष के बजट में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कुल मिलाकर 13.6 लाख करोड रुपये के कर संग्रह का लक्ष्य रखा है जिसकी प्राप्ति के लिये पिछले साल के मुकाबले प्रत्यक्ष कर में 16 प्रतिशत और अप्रत्यक्ष कर में 20 प्रतिशत वृद्धि की जरुरत होगी.
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