नयी दिल्ली : कोयला तथा बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि कोल इंडिया की ट्रेड यूनियनों ने सरकार को आश्वस्त किया है कि वे कर्मचारियों की हडताल के कारण उत्पादन में करीब 10 लाख टन के नुकसान को पूरा करने की कोशिश करेंगे. हडताल कल वापस ले ली गयी.
गोयल ने कहा, ‘उन्होंने मुझे आश्वस्त किया है कि वे 100 करोड टन उत्पादन मिशन (2019-20 तक कोयला इंडिया का उत्पादन लक्ष्य) का हिस्सा हैं और उन्हें मुझे आश्वस्त किया है कि करीब 10 लाख टन को जो उत्पादन नुकसान हुआ है, उसे पूरा करेंगे.’ कोयला, बिजली तथा अक्षय उर्जा मंत्रलय में पहले 200 दिन के कामकाज पर रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करते हुए उन्होंने यह बात कही.
सरकार के हस्तक्षेप के बाद कोयला कर्मचारियों ने दो दिन बाद कल रात अपनी पांच दिन की हडताल वापस ले ली. गोयल ने कहा कि यूनियनों ने भविष्य में पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा, ‘सभी पांच ट्रेड यूनियनों की हमारे साथ बैठक हुई.
हमने विचारों को आदान-प्रदान किया, चर्चा हुई. मुझे विश्वास है कि सभी पांच यूनियनें इस बात से संतुष्ट होकर गयीं कि केंद्र सरकार जो कदम उठा रही है, वह देश तथा कोल इंडिया के कर्मचारियों के हित में है.’ गोयल ने कहा कि यूनियनों के साथ चर्चा बहुत अच्छी रही और मुझे कोल इंडिया का भविष्य बहुत उज्ज्वल लगता है.
सरकार ने कल रात ट्रेड यूनियनों को आश्वस्त किया कि कोल इंडिया का निजीकरण नहीं होगा और कर्मचारियों के हितों की रक्षा की जाएगी. कोल इंडिया में विनिवेश तथा कोयला खनन के निजीकरण के विरोध में करीब पांच लाख कोयला कर्मचारी मंगलवार को पांच दिन की हडताल पर चले गये थे. कल बुधवार को हडताल का दूसरा दिन था.
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