नयी दिल्ली: शेयर बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि औद्योगिक उत्पादन और उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति के निराशाजनक आंकड़ों के कारण सोमवार को शेयर बाजार अपनी नकारात्मक प्रतिक्रिया दे सकता है. इन आंकड़ों की घोषणा शुक्रवार को कारोबार की समाप्ति के बाद की गई थी. शेयर बाजार का आगे का रख थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति और पहली तिमाही के नतीजों से तय होगा. इन सबके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों के रख, रुपये के उतार चढ़ाव, कच्चे तेल की कीमतों और वैश्विक संकेत शेयर बाजार की दिशा को निर्धारित करेंगे. जून के लिए थोक बिक्री मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति का आंकड़ा सोमवार को घोषित किया जायेगा.
आदित्य ट्रेडिंग साल्यूशंस के संस्थापक विकास जैन ने कहा, इन्फोसिस के उम्मीद से बेहतर परिणाम और व्यापार घाटे के आंकड़ा ने बाजार धारणा को बढ़ाया है तथा बाजार में सकारात्मक गति इस सप्ताह भी कायम रहने की उम्मीद है. हालांकि इस तेजी को रुपये के उतार चढ़ाव और थोक बिक्री मूल्य आधारित मुद्रास्फीति के कारण कुछ रोक लग सकती है. बड़ी निगमित कंपनियों के नतीजो इसी सप्ताह से शुरु होने की उम्मीद है जो शेयर बाजार में तेजी ला सकते हैं.
औद्योगिक उत्पादन में मई में 1.6 प्रतिशत की गिरावट आई है जो 11 महीनों का निम्नतम स्तर है. व्यापार आंकड़े बताते हैं कि जून में निर्यात में 4.6 प्रतिशत की गिरावट आई है. खुदरा मूद्रास्फीति जून में बढ़कर 9.87 प्रतिशत हो गई जिसका मुख्य कारण सब्जियों और फलों की कीमतों में तेजी आना है.
हालांकि मुख्य बात व्यापार घाटे को कम करना है. व्यापार आंकड़े दर्शाते हैं कि जून में व्यापार घाटा घटकर 12.2 अरब डालर रह गया जो उसके पिछले महीने में 20.1 अरब डालर था.
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