नयी दिल्ली: खाद्य सुरक्षा पर अध्यादेश लाये जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए उद्योग मंडल फिक्की ने कहा है कि यह ऐसे समय में आया है जब देश राजकोषीय मजबूती के रास्ते पर वापस आने की पुरजोर कोशिश कर रहा है.
फिक्की के महासचिव ए दीदार सिंह ने कहा, इस सचाई से कोई इंकार नहीं है कि खाद्य का अधिकार और उपयुक्त पोषण प्राप्त करना देश के हर नागरिक के लिए बुनियादी प्रावधान होना चाहिये, लेकिन हालिया घोषणा समय से पूर्व की गई पहल है और देश ऐसे कार्यक्रम को लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं है. फिक्की ने कहा कि इस योजना को वास्तव में लागू करने का काम चुनौतियों से भरा है और यह खाद्य कार्यक्रम के वित्तीय टिकाउपन पर सवाल उठाता है. इसके कारण राजकोष पर 1,25,000 करोड़ रपये का वार्षिक बोझ आएगा जिससे वित्तीय लागत बढ़ेगी.
सिंह ने कहा कि सरकार विधेयक के तहत खाद्यान्न के आवंटन कि लिए पुराने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) का सहारा लेना चाहती है जबकि वर्षों से पीडीएस प्रणाली को चुस्त दुरस्त नहीं किया गया है और इसमें कई खामियां भी हैं.
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