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बचत खाता खोलने से पहले

बचत खाता अब पैसों को सिर्फ सुरक्षित ढंग से रखने का ठिकाना भर नहीं रह गया है, बल्कि यह हमारी सारी आर्थिक गतिविधियों का केंद्र होता है. हम तमाम लेन-देन इसी के जरिये करते हैं. इसलिए बचत खाता खोलने से पहले बैंक द्वारा दी जानेवाली विभिन्न सेवाओं के शुल्क, सुविधाओं, ब्याज दर आदि के बारे […]

बचत खाता अब पैसों को सिर्फ सुरक्षित ढंग से रखने का ठिकाना भर नहीं रह गया है, बल्कि यह हमारी सारी आर्थिक गतिविधियों का केंद्र होता है. हम तमाम लेन-देन इसी के जरिये करते हैं. इसलिए बचत खाता खोलने से पहले बैंक द्वारा दी जानेवाली विभिन्न सेवाओं के शुल्क, सुविधाओं, ब्याज दर आदि के बारे में पता लगा लेना चाहिए. इन सबसे बीच तुलना करने के बाद ही हमें बचत खाता खुलवाने के लिए बैंक चुनना चाहिए.

न्यूनतम बैलेंस और विभिन्न शुल्क

ऐसा बैंक चुनें, जो जीरो या कम से कम बैलेंस में खाता खोलने को तैयार हो. अगर आपके खाते में तय राशि से कम पैसे होंगे, तो बैंक 350 रु पये मासिक तक दंड वसूल सकते हैं. आम तौर पर सरकारी बैंक में न्यूनतम बैलेंस बहुत कम होता है या जीरो बैलेंस की सुविधा उपलब्ध होती है. वहीं निजी बैंकों में न्यूनतम बैलेंस आम तौर पर 5000 या 10,000 रुपये होता है. ज्यादातर बैंक विभिन्न लेन-देन (ट्रांजैक्शन) या सेवाओं पर शुल्क लेते हैं. इस मामले में भी सरकारी बैंक किफायती हैं.

डेबिट कार्ड व नेट बैंकिंग की सुविधा

बचत खाते के चुनाव में बैंक द्वारा दिये जानेवाले डेबिट कार्ड की खूबियों पर भी ध्यान दें. जैसे, कई बैंकों के डेबिट कार्ड पर रेल टिकट कटाने की सुविधा उपलब्ध है. इसी तरह एसबीआइ का डेबिट कार्ड खो जाने पर भी कोई उससे खरीदारी नहीं कर सकता, क्योंकि भुगतान के समय पिन डालना होता है. इसके अलावा विभिन्न बैंक रेस्तरां में डिस्काउंट, पेट्रोल पंप पर जीरो सरचार्ज, कैश बैक आदि के ऑफर देते हैं. डेबिट कार्ड की सालाना फीस लगती है, जो अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग हो सकती है. इसके अलावा, ऐसे बैंक को चुनें जिसकी नेट और मोबाइल बैंकिंग के बारे में लोगों का अच्छा अनुभव हो, क्योंकि आज हमारी बैंकिंग ज्यादातर इन्हीं पर निर्भर है.

ब्याज दर कितनी महत्वपूर्ण

पहले सभी बैंकों के बचत खाते में ब्याज दर समान थी. लेकिन अक्तूबर 2011 के बाद से ऐसा नहीं है. खास कर कुछ निजी बैंक ज्यादा ब्याज दर की पेशकश कर रहे हैं. मसलन, एक लाख तक की राशि पर यस बैंक की ब्याज दर 6 फीसदी है. वहीं ज्यादातर सरकारी और बड़े निजी बैंक चार फीसदी ही ब्याज दे रहे हैं. लेकिन, बैंक चुनते समय ब्याज दर से ज्यादा उसकी सेवा की गुणवत्ता और विभिन्न ट्रांजैक्शन व सेवाओं पर लगनेवाले शुल्क पर ध्यान देना चाहिए.

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