कौन से वित्तीय नियामक इ-शिकायत की कैसी व्यवस्था अपना रहे हैं और ग्राहक उसका फायदा कैसे उठा सकते हैं, इस पर एक रिपोर्ट.
भा रत में बीमा का बाजार तेजी से बढ़ रहा है. जाहिर है, जितनी तेजी से बाजार बढ़ रहा है, उतनी ही तेजी से प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है. बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए बीमा कंपनियां बढ़-चढ़ कर दावे करती हैं.
कई बार इन दावों के पीछे छल होता है. ग्राहकों की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने एक एकीकृत शिकायत प्रबंधन व्यवस्था (आइजीएमएस) की स्थापना की है, जहां लोग ऑनलाइन या 155255 पर फोन कर शिकायत दर्ज कर सकते हैं. इसकी शुरुआत 2011 में हुई थी. आइजीएमएस केंद्रीय एजेंसी की तरह काम करती है, जो सभी जीवन बीमा और गैर जीवन बीमा कंपनियों में दर्ज ग्राहकों की शिकायतों के निबटान का ध्यान रखती है.
जब आपको अपनी बीमा कंपनी से कोई शिकायत होती है, तो आप उसके शिकायत निवारण केंद्र (हर बीमा कंपनी के लिए ऐसे केंद्र का होना जरूरी है) में फोन, ई-मेल, पत्र या मौखिक रूप से शिकायत दर्ज कराते हैं. कंपनी के शिकायत निवारण केंद्र में शिकायत दर्ज होने के साथ ही वह अपने आप आइजीएमएस में भी दर्ज हो जाती है. इरडा शिकायत निवारण के लिए कंपनियों को 15 दिन का समय देता है. ये 15 दिन शिकायत संबंधी दस्तावेजों के प्राप्त होने के बाद से गिने जाते हैं. यदि कंपनी तय समय में शिकायत का निवारण नहीं करती है, तो आइजीएमएस इसकी सूचना इरडा को देता है और इरडा आगे का काम करती है. यदि आप कंपनी की शिकायत निवारण प्रणाली से संतुष्ट नहीं हैं, तो आप सीधे आइजीएमएस की वेब साइट (www.igms.gov.in) पर या इसके नि:शुल्क नंबर पर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. हालांकि, अच्छा यही होगा कि आप पहले बीमा कंपनी के पास शिकायत दर्ज करायें. हालांकि, आइजीएमएस की अपनी सीमाएं भी हैं, क्योंकि इरडा शिकायत पर कोई फैसला नहीं सुना सकता.
पूंजी बाजार से जुड़ी शिकायतें
सेबी ने 2011 में सेबी शिकायत निवारण व्यवस्था (एससीओआरइएस) की स्थापना की थी. यदि आपने शेयर, म्यूचुअल फंड या पूंजी बाजार से जुड़े किसी अन्य उपकरण में निवेश किया है, तो आप कोई शिकायत होने पर एससीओआरइएस की मदद ले सकते हैं. इसके लिए आपको सेबी की वेबसाइट www.sebi.gov.inया www.scores.gov.inपर जाना होगा. शिकायत दर्ज करने के बाद आपको एक विशिष्ट पंजीयन संख्या (यूसीआरएन) प्राप्त होगा. इसके बाद सेबी शिकायत को संबंधित जगह तक पहुंचा कर आगे की कार्रवाई पर भी नजर रखेगी.
सेबी के नियमों के हिसाब से, पूंजी बाजार में काम करनेवाली हर कंपनी के लिए आवश्यक है कि एक व्यक्ति निवेशकों के शिकायतों की निवारण के लिए नियुक्त हो. संबंधित कंपनी को शिकायत मिलने के सात दिनों के अंदर निवेशक को शिकायत के संबंध में की जा रही कार्रवाई की जानकारी देना होगी और फिर कंपनी को 30 दिनों के भीतर उसकी समस्या को हल करना होगा. अगर आप कंपनी की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं, तो आप फिर से सेबी के पास जा सकते हैं.
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