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चुनौती कड़ी है और काम मुश्किलः नारायण मूर्ति

बेंगलूर: इन्फोसिस को बुरे दौर से निकालने के लिये वापस बुलाये गये इसके चेयरमैन एन.आर.नारायणमूर्ति ने आज कहा कि इन्फोसिस को फिर से नई उंचाईयों पर पहुंचाने के लिये भगीरथ प्रयास करने होंगे और इसमें कम तीन 3 साल का समय लगेगा. इस दौरान कुछ कड़े फैसले लेने होंगे जो पीड़ादायक हो सकते हैं. सेवानिवृति […]

बेंगलूर: इन्फोसिस को बुरे दौर से निकालने के लिये वापस बुलाये गये इसके चेयरमैन एन.आर.नारायणमूर्ति ने आज कहा कि इन्फोसिस को फिर से नई उंचाईयों पर पहुंचाने के लिये भगीरथ प्रयास करने होंगे और इसमें कम तीन 3 साल का समय लगेगा. इस दौरान कुछ कड़े फैसले लेने होंगे जो पीड़ादायक हो सकते हैं.

सेवानिवृति के बाद एक बार फिर इन्फोसिस की कमान संभालने वाले मूर्ति ने कंपनी की 32वीं सालाना आम बैठक में शेयरधारकों को संबोधित करते हुये कहा ‘‘चुनौती कड़ी है और काम मुश्किल.’’ सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की अग्रणी कंपनी इन्फोसिस पिछले कुछ समय से निराशाजनक परिणाम दे रही है जिससे निवेशकों में चिंता बढ़ गई है. कंपनी को फिर से उंचाई पर पहुंचाने के लिये दो सप्ताह पहले ही नारायणमूर्ति को कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त किया गया.

शेयरधारकों को संबोधित करते हुये मूर्ति ने कहा ‘‘कुशल गुणवत्ता और पूरी लगन के साथ काम करने वाली टीम होने के बावजूद जैसा हम चाहते हैं उस तरह का इन्फोसिस बनाने में कम से कम 36 महीने का समय लगेगा. इस प्रक्रिया में कुछ कड़े फैसले लेने होंगे जो कि बाद में पीड़ादायक हो सकते हैं.’’ मूर्ति ने अगले तीन साल के दौरान कंपनी की इस अहम यात्र में शेयरधारकों से उनके समर्थन का आह्वान किया. स्थिति को समझने, समर्थन देने और आगे बढ़ने में प्रोत्साहन की अपील की.

मूर्ति ने इन्फोसिस के कार्यकारी की भूमिका सात साल पहले छोड़ दी थी और अगस्त 2011 को वह कंपनी से सेवानिवृत्त हो गये थे. के.वी. कामत के स्थान पर एक जून 2013 को फिर से उन्हें कंपनी का कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त किया गया. कामत के कार्यकाल में कंपनी के शेयर 15 प्रतिशत गिर गये थे.कईयों को चौंकाने वाली पहल के तहत मूर्ति अपने साथ अपने बेटे रोहन मूर्ति को अपने कार्यकारी सहायक के तौर पर कंपनी में ले आये.

मूर्ति ने कहा कि कंपनी को अल्पसमय में ही बड़ी कमाई वाले आउटसोर्सिंग परियोजनाओं पर ध्यान केन्द्रित करना होगा. उन्होंने कहा कि कंपनी को मध्यम से दीर्घकाल में राजस्व कमाई की पहली दो स्टरीम में अपनी तरक्की करनी होगी. पहली दो राजस्व स्टरीम में सलाहकार सेवाओं सहित संपूर्ण साफ्टवेयर निदान, प्रौद्योगिकी का लाभ उठाते हुये उंचा माजिर्न हासिल करना और बौद्धिक संपदा आधारित निदान विकसित करना शामिल है.

मूर्ति ने कहा कि अगले तीन से पांच साल के दौरान कंपनी तीसरे चरण के कारोबार पर गौर करेगी और बड़े आउटसोर्सिंग सौदों को हासिल करने में कामयाबी पर ध्यान देगी.नारायण मूर्ति ने कहा कि अमेरिका में नये आव्रजन विधेयक पर जारी चर्चा एक तरह से नवप्रवर्तन के लिये बेहतर संभावना है तो दूसरी यह वृद्धि के रास्ते की चुनौती है और वह चाहते हैं कि इन्फोसिस का प्रत्येक कर्मचारी इसे एक संभावना के तौर पर देखे.

उन्होंने शेयरधारकों से कहा कि कंपनी लागत को उम्मीद के अनुरप रखने और फिजूलखर्ची रोकने पर ध्यान देगी. उन्होंने कहा ‘‘हम बचे धन को कुछ उत्पादक निवेश में लगायेंगे जो इन्फोसिस को एक बार फिर नेतृत्व की भूमिका में लाने के लिये जरुरी है.’’ उन्होंने कंपनी के बिक्री विभाग से जुड़े कार्यबल को अधिक प्रभावी बनाने और उसमें प्रतिभा लाने के साथ साथ गुणवत्ता में सुधार लाने और उन्हें हरसंभव संसाधन उपलब्ध कराने पर जोर दिया. मूर्ति ने कहा ‘‘हम अपनी वृद्धि दर को बढ़ाने के लिये लचीली मूल्य नीति अपनायेंगे.’’

इन्फोसिस ने गुरवार को ही सभी पात्र कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि की घोषणा की. इस घोषणा को कंपनी में मूर्ति के आने के बाद पहले ठोस कदम के तौर पर देखा गया. इस मौके पर कामत ने अपने संबोधन में कहा कि मूर्ति कार्यकारी चेयरमैन के तौर पर लौटकर कंपनी को रणनीतिक निर्देशन प्रदान करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘फिर से कार्यकारी चेयरमैन बनने पर सहमत हुये मूर्ति कंपनी को ऐसे समय में दिशा प्रदान करेंगे जब उद्योग ढेरों चुनौतियों से जूझ रहा है.

वह ऐसे समय में कंपनी को रणनीतिक निर्देशन प्रदान करेंगे.’’ कामत ने कहा कि मूर्ति की उद्यमशीलता और नेतृत्व के रिकार्ड के साथ ही प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में गहरा अनुभव इन्फोसिस को फिर से अग्रणी स्थान पर पहुंचाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘मु. पूरा भरोसा है कि वह इन्फोसिस को फिर से अग्रणी स्थान पर पहुंचाएंगे.’’

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