हनोइ : भारत और वियतनाम ने सोमवार को रक्षा, पेट्रोलियम और कुछ अन्य क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ाने पर सहमति जतायी. वियतनाम यात्र पर आयीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण इस देश के साथ द्विपक्षीय संबंधों के सभी आयामों की समीक्षा की.
नरेंद्र मोदी सरकार की ‘पूर्वी देशों के साथ मिल कर काम करने की नीति’ के तहत सुषमा ने वियतनाम के विदेश मंत्री फाम बिन्ह मिन्ह और प्रधानमंत्री गुयेन तान दुंग के साथ बैठकें की. इस दौरान कई प्रमुख द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मामलों पर चर्चा की गयी. वियतनाम का दक्षिण चीन सागर में अधिकार क्षेत्र को लेकर चीन के साथ तनाव चल रहा है. वियतनाम ने इस बारे में सुषम को अपने दृष्टिकोण से अवगत कराया.
सुषमा की इस यात्र के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि यह विदेश मंत्री की इस महीने किसी आसियान देश की तीसरी यात्र है.
इससे पहले वह म्यांमा और सिंगापुर की यात्र पर गयी थीं. उन्होंने कहा कि सिर्फ ‘पूर्व की ओर देखो’ की नीति काफी नहीं है, बल्कि पूर्व के देशों के साथ मिल कर काम करना होगा. यह पूर्वी क्षेत्र के देशों के साथ मिल कर काम करना है. हमने शुरुआत पड़ोसी देशों पर ध्यान देने से की और अब अपना ध्यान आसियान पर केंद्रित कर रहे हैं.
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