अमेरिकी कंपनी IBM के CEO होंगे भारतीय मूल के अरविंद कृष्णा, IIT कानपुर से की है पढ़ाई

नयी दिल्ली : अमेरिका की बड़ी कंपनी इंटरनेशनल बिजनेस मशीन्स (IBM) में भारतीय मूल के अरविंद कृष्णा नये सीइओ के पद पर काबिज होंगे. अरविंद आइबीएम सीइओ के तौर पर वर्जीनिया रोमेटी का स्थान लेंगे. आपको बता दें कि 12,588 करोड़ डॉलर (करीब 8.93 लाख करोड़ रुपये) की मार्केट कैप वाली कंपनी आइबीएम है. कंपनी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 31, 2020 12:02 PM

नयी दिल्ली : अमेरिका की बड़ी कंपनी इंटरनेशनल बिजनेस मशीन्स (IBM) में भारतीय मूल के अरविंद कृष्णा नये सीइओ के पद पर काबिज होंगे. अरविंद आइबीएम सीइओ के तौर पर वर्जीनिया रोमेटी का स्थान लेंगे. आपको बता दें कि 12,588 करोड़ डॉलर (करीब 8.93 लाख करोड़ रुपये) की मार्केट कैप वाली कंपनी आइबीएम है. कंपनी ने 57 साल के अरविंद कृष्णा के 6 अप्रैल से सीइओ का पद ग्रहण करने की घोषणा की है.

वर्तमान में अरविंद कृष्णा

अरविंद कृष्णा, फिलहाल क्लाउड और कॉग्निटिव सॉफ्टवेयर के लिए आइबीएम में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट के पद पर कार्यरत हैं. मौजूदा जिम्मेदारियों की बात करें तो आइबीएम क्लाउड, आइबीएम सिक्योरिटी और कॉग्निटिव एप्लिकेशन बिजनेस और आइबीएम रिसर्च का काम वे देख रहे हैं. आपको बता दें कि वे आइबीएम सिस्टम और टेक्नोलॉजी ग्रुप की डेवलेपमेंट और मैन्युफैक्चरिंग ऑर्गनाइजेशन के जनरल मैनेजर के पद पर भी अपनी सेवा दे चुके र्हैं. वे आइबीएम के डेटा से संबंधित कई बिजनेस की अगुवाई भी कर चुके हैं.

अरविंद साबित होंगे बेस्ट सीइओ

अरविंद कृष्णा ने साल 1990 में कंपनी का दामन थामा था. अरविंद कृष्णा की नियुक्ति को लेकर मौजूदा सीइओ वर्जीनिया रोमेटी ने कहा है कि आइबीएम में अगले दौर के लिए अरविंद बेस्ट सीइओ हैं. वह काफी अच्छे टेक्नोलॉजिस्ट हैं, जिन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाउड, क्वांटम कम्प्यूटिंग और ब्लॉकचेन जैसी हमारी अहम तकनीकों को विकसित करने का काम किया.

अरविंद कृष्णा:IIT कानपुर से अंडरग्रेजुएट की डिग्री
अरविंद कृष्णा ने IIT कानपुर से अंडरग्रेजुएट की डिग्री ली है. वे यूनिवर्सिटी ऑफ इलनॉइज, अर्बाना शैंपेन से पीएचडी धारक हैं. कंपनी को आगे बढ़ाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वह शानदार ऑपरेशनल लीडर भी हैं.

आइबीएम के बारे में कुछ खास बातें
आइबीएम की स्थापना 16 जून 1911 को हुई थी. बिग ब्लू के नाम से दुनिया में पहचान बनाने वाली आईटी कंपनी ने 20वीं शताब्दी में अपने टेक्नोलॉजी के विकास के लिए खासा योगदान दिया. कंप्यूटर कंपनियों में आइबीएम एकमात्र ऐसी कंपनी है जिसने अब तक तीन नोबेल पुरस्कार, चार टूरिंग पुरस्कार, पांच राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी पदक तथा पांच राष्ट्रीय विज्ञान पदक जीते हैं. इतना ही नहीं कंपनी के नाम दुनिया के सर्वाधिक पेटेंट होने का भी गौरवमयी इतिहास जुड़ा है. 16 जून 1911 की बात करें तो इस दिन कंपनी ने अपना कार्यक्षेत्र बदल कर कम्प्यूटर रिसर्च कर लिया. कंपनी ने 1924 में अपना वर्तमान नाम आइबीएम धारण किया. 1981 में आइबीएम ने पर्सनल कम्प्यूटरर्स की बिक्री शुरू. इसके कुछ वर्षों बाद ही आइबीएम को दुनिया की श्रेष्ठतम कंपनियों में एक बना दिया.

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