सार्वजनिक उपक्रमों को बडी राशि के कर्ज नहीं दें शहरी सहकारी बैंक : रिजर्व बैंक

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक ने शहरी सहकारी बैंक से कहा है कि वह सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को बडी राशि के कर्ज नहीं दें. केंद्रीय बैंक ने कहा है कि उनका मुख्य कार्य निम्न और मध्यम आय वर्ग की सेवा करना है. रिजर्व बैंक ने कहा है कि उसके संज्ञान में यह लाया गया है […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 28, 2014 6:33 PM

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक ने शहरी सहकारी बैंक से कहा है कि वह सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को बडी राशि के कर्ज नहीं दें. केंद्रीय बैंक ने कहा है कि उनका मुख्य कार्य निम्न और मध्यम आय वर्ग की सेवा करना है.

रिजर्व बैंक ने कहा है कि उसके संज्ञान में यह लाया गया है कि कुछ शहरी सहकारी बैंक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के लिये बडी राशि के कर्ज को मंजूरी दे रहे हैं. उन्हें बरायनाम सदस्य के तौर पर अथवा अन्य रुप में यह कर्ज दिया जा रहा है.

रिजर्व बैंक ने इन बैंकों को भेजे एक संदेश में कहा है, ‘‘इन बातों को देखते हुये शहरी सहकारी बैंकों को यह सलाह दी जाती है कि, सैद्धांतिक रुप से उन्हें सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को बडी राशि के कर्ज नहीं देने चाहिये.’’ केंद्रीय बैंक ने कहा है कि शहरी सहकारी बैंकों की प्राथमिकता निम्न, मध्यम आय वर्ग, कृषि और लघु व्यावसायियों की मदद के लिये कर्ज उपलब्ध कराना है. रिजर्व बैंक ने कहा है, ‘‘सार्वजनिक उपक्रमों को बडी राशि के कर्ज देना सहकारिता के सिद्धांतों के अनुरुप नहीं है और इससे शहरी सहकारी बैंकों के सहकारिता के चरित्र में बदलाव आता है.’’

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