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पेट्रोल-डीजल और सब्जी की कीमतों ने छुड़ाये आम आदमी के छक्के, खुदरा महंगाई चार महीने के टॉप पर

नयी दिल्ली : फल, सब्जी और अनाज जैसे खाने के सामान महंगा होने तथा ईंधन कीमत बढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति मई महीने में बढ़कर चार महीने के उच्चतम स्तर 4.87 फीसदी पर पहुंच गयी. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति इससे पिछले महीने में 4.58 फीसदी थी. हालांकि, मई 2017 में यह केवल 2.18 फीसदी […]

नयी दिल्ली : फल, सब्जी और अनाज जैसे खाने के सामान महंगा होने तथा ईंधन कीमत बढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति मई महीने में बढ़कर चार महीने के उच्चतम स्तर 4.87 फीसदी पर पहुंच गयी. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति इससे पिछले महीने में 4.58 फीसदी थी. हालांकि, मई 2017 में यह केवल 2.18 फीसदी थी. इससे पहले, इस साल जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति 5.7 फीसदी पर पहुंच गयी थी.

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केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के अनुसार, संपूर्ण उपभोक्ता खाद्य वस्तुओं के खुदरा मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति मई में 3.10 फीसदी रही. अप्रैल में खाद्य मुद्रास्फीति 2.80 फीसदी थी. फलों की कीमतें मई महीने में एक साल पहले की तुलना में 12.33 फीसदी ऊंची थी, जबकि अप्रैल में ये कीमतें सालाना आधार पर 9.65 फीसदी ऊंची थीं.

मई महीने में सब्जियों के दाम एक साल पहले से 8.04 फीसदी ऊंचे थे. एक महीने सब्जियों की मुद्रास्फीति 7.29 फीसदी थी. अनाज एवं उसके उत्पादों की महंगाई मई माह में 2.78 फीसदी रही. अप्रैल में इसके दाम 2.56 ऊंचे थे. वहीं, तेल एवं वसा के भावों में सालाना आधार पर 2.46 फीसदी वृद्धि दर्ज की गयी. अप्रैल में इस वर्ग की मुद्रास्फीति 2.11 फीसदी थी. ईंधन एवं बिजली श्रेणी में मुद्रास्फीति पिछले महीने 5.8 फीसदी रही, जो इससे पूर्व महीने में 5.24 फीसदी थी.

हालांकि, मांस, मछली और अंडे जैसे खाद्य पदार्थों के साथ दूध उत्पादों की महंगाई दर आलोच्य महीने में अप्रैल के मुकाबले नरम हुई. रिजर्व बैंक का प्रमुख नीतिगत दर का फैसला मुख्य रूप से सीपीआई आधारित खुदरा मुद्रास्फीति पर निर्भर रहता है. केंद्रीय बैंक ने चार साल में पहली बार इस महीने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर 0.25 फीसदी बढ़ाकर 6.25 फीसदी कर दी है. उसका यह निर्णय मुद्रास्फीति के दबाव की बढ़ती चिंता के कारण है. बैंक नियामक ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में महंगाई दर 4.8 से 4.9 फीसदी तथा दूसरी छमाही में 4.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है.

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