बीजिंग : भारत का पड़ोसी देश चीन को आर्थिक क्षेत्र में जोर का झटका धीरे से लगा है. उसे पिछले 17 साल में पहली बार किसी तिमाही में चालू खाता में भारी घाटा सहना पड़ा है. चीन को इस साल की पहली तिमाही में चालू खाता में करीब 28.20 अरब डॉलर का घाटा हुआ है. स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेन एक्सचेंज द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, इससे पहले 2001 की दूसरी तिमाही में चीन को चालू खाते में घाटा हुआ था.
इसे भी पढ़ें : शी चिनफिंग ने चीन के बाजार को और खोलने का किया एलान, अब अमेरिका की प्रतिक्रिया का इंतजार
चीन लंबे समय से सबसे बड़ा निर्यातक है और उसका विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड 3140 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. चीन की पत्रिका कायशिन के अनुसार, आलोच्य तिमाही के दौरान वस्तुओं के व्यापार में अभी भी चीन को 53.40 अरब डॉलर का व्यापार बचत हुई है, लेकिन यह पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 35 फीसदी कम है. इस दौरान सेवा व्यापार में चीन को 76.20 अरब डॉलर का व्यापार घाटा हुआ, जो 1998 के बाद इस मद में सबसे बड़ा व्यापार घाटा है.
गौरतलब है कि 2008 के आर्थिक महामंदी के बाद निर्यात में तेज गिरावट आने के बाद से चीन की वृद्धि दर लगातार नरम हो रही है. चीन के चालू खाते की बचत 2007 में उसके सकल घरेलू उत्पाद के 9.90 फीसदी के बराबर थी, जो कम होते-होते 2017 में 1.30 फीसदी रह गयी है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.