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होम लोन टैक्स बचत करने में कर सकता है आपकी मदद

मार्च का महीना आने वाला है आैर यह महीना देश के इनकम टैक्स पेयर्स के लिए खास होता है. इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना होता है, तो टैक्स पेयर्स में छूट पाने के उपायों के लिए अफरा-तफरी मच जाती है, लेकिन इसके लिए कोर्इ एक दिन के उपाय से कोर्इ टैक्स पेयर छूट का हकदार […]

मार्च का महीना आने वाला है आैर यह महीना देश के इनकम टैक्स पेयर्स के लिए खास होता है. इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना होता है, तो टैक्स पेयर्स में छूट पाने के उपायों के लिए अफरा-तफरी मच जाती है, लेकिन इसके लिए कोर्इ एक दिन के उपाय से कोर्इ टैक्स पेयर छूट का हकदार नहीं हो जाता. इसके लिए योजना बनाकर निवेश किया है. इसके लिए यह जान लेना भी जरूरी है कि आप टैक्स में छूट कैसे पा सकते हैं. इसमें होम लोन आपको काफी मदद पहुंचा सकता है….

नयी दिल्ली : यदि आप रहने के लिए घर खरीद रहे हैं, तो आप अपने घरेलू अर्थव्यवस्था को पूरी तरह क्लीयर कर लें. यह इसलिए जरूरी है कि यदि आप आवासीय संपत्ति खरीदते हैं, तो उसके लिए लिया गया होम लोन आपको टैक्स की बचत करने में मदद कर सकता है. होम लोन टैक्स बचत में कैसे आपकी मदद कर सकता है, यह जानना बेहद जरूरी है. आइये हम जानते हैं कि आप होम लोन के जरिये टैक्स की बचत कैसे कर सकते हैं….

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मूलधन पर टैक्स का लाभ

दरअसल, होम लोन या किसी भी प्रकार का लोन लेने के बाद आप जो र्इएमआर्इ यानी समान मासिक किश्त देते हैं, उसमें आपको मूलधन पर ब्याज जोड़ने के बाद जो रकम बनती है, वही आपको चुकाना होता है. आपके द्वारा लिये गये होम लोन का मूलधन आपके कुल आमदनी में छूट पाने की अनुमति देता है (यह आपके 1.5 लाख रुपये तक के अन्य निवेश योग्य के साथ सभी तरह के नियमों अधीन आता है).

भुगतान किये जाने वाले ब्याज पर टैक्स का लाभ

आप यदि होम लोन के मूलधन पर टैक्स में छूट पाने का हक रखते हैं, तो आपको इसकी ब्याज पर भी टैक्स में छूट मिल सकती है. यदि आप खुद से बनाये हुए घर पर टैक्स का भुगतान करते हैं, तो यह ‘घर से होने वाली आमदनी’ के तहत दो लाख रुपये तक की टैक्स छूट के दायरे में आता है.यह कटौती आपके कुल टैक्स की देनदारी पर होगी, लेकिन इसमें शर्त यह भी है कि खुद के द्वारा बनाये गये मकान में निर्माण के बाद आैर होम लोन लेने के पांच साल पूरा होने के पहले रिहायश हो जाना चाहिए.यदि आप इन नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो आपके टैक्स की छूट की सीमा 30,000 रुपये तक की ही होगी आैर यदि आप उपरोक्त नियमों का पालन करते हैं, तो आपको 2,00,000 रुपये तक छूट मिल सकती है.

इसके अलावा, यदि आपका मकान किराये लगे होने के कारण किराये में अंतर आने की वजह से आपको निगम के टैक्सों को समाहित करने, स्टैंडर्ड डिडक्शन आैर होम लोन के ब्याज के भुगतान में आपका नुकसान हुआ हो आैर यदि आपने पहली बार घर खरीदा है, तो आपको 50,000 रुपये का अतिरिक्त छूट का भी लाभ मिल सकता है. उदाहरण के लिए, यदि आपको किराये से 5 लाख रुपये की आमदनी होती है, किराये से होने वाली कुल आमदनी पर यदि 30 फीसदी स्टैंडर्ड डिडक्शन किया जाता है, तो आपको करीब 3.5 लाख रुपये का नुकसान होता है. वित्त अधिनियम 2017 (संशोधित) के अनुसार, आप नुकसान होने के एवज में अन्य स्रोतों से होने वाली आमदनी के खिलाफ दो लाख रुपये को घटा सकते हैं. बाकी की बची 1.5 लाख रुपये का भुगतान अगले आठ साल में कर सकते हैं. हालांकि, यह नियम केवल आपकी किराये से होने वाली आमदनी पर ही लागू होते हैं.

क्यों नहीं होम लोन और अन्य उपयोगी बिंदुआें पर विचार किया जाये

  • यह टैक्स की समझ रखने वालों पर निर्भर करता है कि यदि आप अपने उत्तराधिकारी के साथ मिलकर संयुक्त रूप से एक नया अपार्टमेंट खरीदते हैं, तो आप दोनों समान रूप से दो लाख रुपये तक की टैक्स छूट पाने के हकदार हैं. मान लीजिए, यदि आप, आपके बेटे/बेटी कामगार हैं आैर आप तीनों बैंक से लिये गये लोन की किश्त का भुगतान करते हैं, तो आप तीनों दो-दो लाख रुपये की छूट पाने के हकदार हैं.
  • एक फ्लैट अधिक लागत पर तैयार किया जाता है. इसके निर्माण के समय ही इस फ्लैट की बुकिंग करने पर इनकम टैक्स नियमों के अधीन डिलीवरी के पहले के समय तक कुल पांच किश्तों में भुगतान किये गये कुल ब्याज की राशि का दावा करने पर आपको छूट का लाभ मिल सकता है.
  • यदि आप नियोक्ता, मित्र या निजी ऋणदाता से लिये गये कर्ज पर ब्याज का भुगतान कर रहे हैं, तब भी आप छूट पाने के हकदार हैं, लेकिन इसमें शर्त यही है कि आपके पास ऋणदाता की आेर से दिये गये कर्ज से संबंधित दस्तावेज होना चाहिए. ध्यान देने वाली बात यह है कि चुकाया गया मूलधन 80C के तहत कटौती के लिए योग्य नहीं है.
  • यहां यह जान लेना भी जरूरी है कि मकान के रिपेयर आैर मेंटेनेंस के दौरान किया गया विस्तार आवासीय संपत्ति से होने वाली आमदनी पर छूट के योग्य नहीं होगा. हालांकि, आवासीय परिसर से होने वाली आमदनी में मेंटेनेंस के दौरान किये गये विस्तार पर होने वाले खर्च के लिए आपको कुल किराये पर 30 फीसदी मुआवजा दिया जा सकता है.

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