प्रधानमंत्री के विशेष विमान से: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि आने वाले दिनों में मुद्रास्फीति और ज्यादा नियंत्रण में होगी जिससे रिजर्व बैंक के पास वृद्धि सम्मत नीतियां बनाने की बेहतर गुंजाइश होगी.
उन्होंने जापान और थाइलैंड की यात्रा से वापसी के दौरान संवाददाताओं से कहा ‘‘आने वाले दिनों में आप देखेंगे कि मुद्रास्फीति और अधिक काबू में होगी और इससे वृद्धि को प्रोत्साहित करने वाली गतिविधियों की गुंजाइश बढ़ेगी.’’ प्रधानमंत्री से पूछा गया था कि आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति की खींचतान में क्या रिजर्व बैंक को दरकिनार कर दिया गया है, क्योंकि वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने स्पष्ट कर दिया था कि यदि रिजर्व बैंक उनकी बात नहीं सुनता है तो वह अकेले ही बढ़ना पसंद करेंगे.
उन्होंने कहा ‘‘देश की मौद्रिक नीति का फैसला आरबीआई करता है और मैं आरबीआई के फैसले का सम्मान करता हूं. यह समय के साथ बढ़ने वाली प्रक्रिया है. मुद्रास्फीति पर नियंत्रण पाने के बाद वृद्धि सम्मत नीतियों को आगे बढ़ाने की ज्यादा गुंजाइश मिलेगी.’’
वित्त वर्ष 2012-13 में आर्थिक वृद्धि घटकर दशक भर के न्यूनतम स्तर पांच प्रतिशत पर आ गई और चालू वित्त वर्ष में इसके बढ़कर 6.1 से 6.7 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है. आरबीआई 17 जून को मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा करने वाला है. अपनी पिछले समीक्षा में आरबीआई ने ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती की थी. रिजर्व बैंक गवर्नर डी सुब्बाराव ने कल आगाह किया था कि मुद्रास्फीति विशेष तौर पर खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ने की आशंका है.
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