नयी दिल्ली : दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने गुरुवार को कहा कि आठ कंपनियों के रद्द हुए 122 दूरसंचार लाइसेंसों का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि जांच एजेंसियां 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में अदालत के फैसले पर आगे क्या कदम उठाती हैं. राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में विशेष अदालत ने गुरुवार को पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और द्रमुक नेता कनीमोई सहित सारे आरोपियों को बरी कर दिया.
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विशेष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन इस मामले में आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित करने में बुरी तरह विफल रहा है. सिन्हा ने कहा कि जांच एजेंसियां इस मामले में निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अपील दायर करने के बारे में फैसला करेंगी.
इस मामले में आरोपियों को बरी किये जाने के विशेष अदालत के फैसले से अविचलित सिन्हा ने कहा कि सरकार के भ्रष्टाचार निरोधक निकाय सीवीसी ने आवंटन की जांच की और इनमें गड़बड़ी पायी. सिन्हा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि 2001 की पहले आओ-पहले पाओ नीति को 2008 में बदलकर पहले आओ-पहले चुकाओ कर दिया गया.
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