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चार दिन से जारी बाजार की गिरावट को संभालने में विफल रहा GDP ग्रोथ

मुंबई : सितंबर महीने में समाप्त हुई दूसरी तिमाही के दौरान देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर में तेजी के बावजूद शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजारों में नरमी का रुख बरकरार रहा. आलम यह कि बीते चार दिनों से जारी बाजार गिरावट को सरकार की ओर से पेश किये आर्थिक सुधार के आंकड़े […]

मुंबई : सितंबर महीने में समाप्त हुई दूसरी तिमाही के दौरान देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर में तेजी के बावजूद शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजारों में नरमी का रुख बरकरार रहा. आलम यह कि बीते चार दिनों से जारी बाजार गिरावट को सरकार की ओर से पेश किये आर्थिक सुधार के आंकड़े भी समाप्त नहीं कर पाये.

इसे भी पढ़ें : आठ कारोबारी दिनों में सेंसेक्स आठ प्रतिशत ऊपर चढ़ा, पांच कारोबारी दिन में नये शिखर पर पहुंचा

शेयर बाजार में शुक्रवार को बंबई शेयर बाजार का संवेदी सूचकांक 316 अंक की जोरदार गिरावट के साथ 33,000 से नीचे बंद हुआ. शेयर बाजार के प्रमुख संवेदी सूचकांक में आयी गिरावट को संभालने में दूसरी तिमाही में सकारात्मक जीडीपी आंकड़ा भी बढ़ते राजकोषीय घाटे को लेकर चिंता को दूर करने में विफल रहा.

शुरुआती कारोबार में 30 शेयरों वाला प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 33,300.81 अंक ऊपर तक गया और एक समय नीचे गिरते हुए 32,797.78 अंक तक चला गया. अंत में यह 316.41 अंक या 0.95 फीसदी की गिरावट के साथ 32,832.94 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स का यह 15 नवंबर के बाद का सबसे कमजोर स्तर है. उस समय यह 32,760.44 अंक तक चला गया था.

वहीं, 50 शेयरों वाला नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी एक समय 10,108.55 अंक तक चला गया था, लेकिन अंत में 104.75 अंक 1.02 फीसदी की गिरावट के साथ 10,121.80 अंक पर बंद हुआ. पूरे सप्ताह के दौरान सेंसेक्स में 846.30 अंक या 2.51 फीसदी की गिरावट आयी है. वहीं, एनएसई निफ्टी 267.90 अंक या 2.57 प्रतिशत नीचे आया.

विनिर्माण क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन तथा नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था जीएसटी के साथ कंपनियों के समायोजन के साथ चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 6.3 फीसदी रही. वहीं, पहली तिमाही में यह तीन साल के न्यूनतम स्तर 5.7 फीसदी तक नीचे चली गयी थी. हालांकि, देश का राजकोषीय घाटा अक्टूबर महीने में 2017-18 के बजटीय लक्ष्य का 96.1 फीसदी पहुंचने से बाजार का कारोबार प्रभावित रहा. राजस्व में कम प्राप्ति तथा व्यय में वृद्धि से राजकोषीय घाटा बढ़ा है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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